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शेयर बाजार को इस बड़ी खबर का इंतजार, तब तक सीमित दायरे में रह सकता है कारोबार

Stock Markets: मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में आगे भी एक-दो दिनों तक दायरे में ही कारोबार रहने की उम्मीद है। इसके पीछे वजह यह है कि शेयर बाजार का इस समय पूरा ध्यान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक पर टिकी है, जिसके नतीजे शुक्रवार 6 जून को आने की उम्मीद है

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jun 04, 2025 पर 6:43 PM
शेयर बाजार को इस बड़ी खबर का इंतजार, तब तक सीमित दायरे में रह सकता है कारोबार
मनीकंट्रोल के एक पोल में, अर्थशास्त्रियों ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की उम्मीद जताई

Stock Markets: भारतीय शेयर बाजार पिछले कुछ दिनों से एक दायरे में घूमता हुआ दिख रहा है। लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद आज 4 जून को शेयर बाजारों में तेजी लौटी, लेकिन यह तेजी भी सीमित रही। सेंसेक्स 266 अंक बढ़कर बंद हुआ। वहीं उछलकर निफ्टी 24,600 से कुछ ऊपर पहुंच गया। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में आगे भी एक-दो दिनों तक दायरे में ही कारोबार रहने की उम्मीद है। इसके पीछे वजह यह है कि शेयर बाजार का इस समय पूरा ध्यान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक पर टिकी है, जिसके नतीजे शुक्रवार 6 जून को आने की उम्मीद है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक आज 4 जून से शुरू हो चुकी है। करीब 3 दिन तक चलने वाली इस बैठक के नतीजे शुक्रवार 6 जून को आएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक इस बैठक में रेपो रेट में बदलाव को लेकर फैसला करेगा। इसके अलावा बैठक के बाद आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा, भारत की जीडीपी ग्रोथ और महंगाई दर के अनुमानों को लेकर भी जानकारी देंगे। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार के निवेशक फिलहाल इस बैठक से पहले सतर्क बने हुए हैं, जिसके बाजार में पिछले कुछ कारोबारी दिनों से एक दायरे में घूमता हुआ दिख रहा है।

माना जा रहा है आरबीआई इस बैठक में एक बार फिर रेपो रेट घटाने का फैसला कर सकता है। मनीकंट्रोल के कराए एक पोल में, अर्थशास्त्रियों ने बताया कि उन्हें रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की उम्मीद है। कुछ अर्थशास्त्रियों ने तो 0.50 फीसदी तक की कटौती का अनुमान जताया है। अगर ऐसा होता है तो यह लगातार तीसरी बार होगा, जब आरबीआई रेपो रेट में कटौती करेगा। इससे पहले आरबीआई ने अप्रैल और फरवरी में भी रेपो रेट में कटौती की थी।

रेपो रेट में कटौती की उम्मीद इसलिए भी की जा रही है क्योंकि खुदरा महंगाई दर इस समय 4% के लक्ष्य से नीचे है। अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 3.16% रही, जो इसका 6-सालों का निचला स्तर है। रेपो रेट में कटौती से न सिर्फ बैंकों के लोन सस्ते होंगे, बल्कि इससे भारत की आर्थिक ग्रोथ को भी बढ़ावा मिलेगा।

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