ब्याज दरों में कटौती से मांग बढ़ने की उम्मीद में मेटल शेयरों में तेजी, टाटा स्टील और जेएसपीएल में 3% से ज्यादा भागे

रेपो रेट में कटौती को बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट के विकास के लिए अच्छा माना जाता है। इससे मांग बढ़ने की संभावनाओं के कारण मेटल शेयरों में तेजी आती है। बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट के विकास में मेटल एक जरूरी कच्चा माल होता है

अपडेटेड Feb 07, 2025 पर 12:45 PM
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इस बीच रत्नमणि मेटल्स एंड ट्यूब्स के शेयर करीब 2 फीसदी की गिरावट के साथ 2,796.05 पर कारोबार कर रहे थे। आरबीआई ने अपनी रेपो दर को 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया है

आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​के लीडरशिप में पहली एमपीसी द्वारा 7 फरवरी को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती के बाद मेटल कंपनियों के शेयरों में उछाल आया है। मेटल कंपनियों के शेयर भाव में उछाल के बाद, सुबह 11.18 बजे के आसपास निफ्टी मेटल इंडेक्स 2 फीसदी बढ़कर 8,551.55 पर पहुंच गया। रेपो रेट में कटौती को बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट के विकास के लिए अच्छा माना जाता है। इससे मांग बढ़ने की संभावनाओं के कारण मेटल शेयरों में तेजी आती है। बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट के विकास में मेटल एक जरूरी कच्चा माल होता है।

जिंदल स्टील एंड पावर के शेयर करीब 4 फीसदी बढ़कर 842 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए, जबकि टाटा स्टील के शेयर 3 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 137 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए। वेलस्पन कॉर्प के शेयर भी करीब 3 फीसदी उछलकर 770 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे। जबकि अदाणी एंटरप्राइजेज 2.57 फीसदी बढ़कर 2,371.80 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया। जेएसडब्ल्यू स्टील का शेयर 2.55 फीसदी बढ़कर 972.60 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया।

जिन दूसरे शेयरों में जोरदार तेजी दर्ज की गई उनमें नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (2.33 फीसदी ऊपर), वेदांता (2.21 फीसदी ऊपर), नेशनल एल्युमीनियम कंपनी (करीब 2 फीसदी ऊपर) शामिल हैं। सेल, हिंडाल्को, हिंदुस्तान कॉपर और जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड के शेयर अपने पिछले क्लोजिंग लेवल से 1 फीसदी से ज्यादा ऊपर कारोबार कर रहे थे। एपीएल अपोलो और हिंदुस्तान जिंक के शेयर भी मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।


हालांकि,रत्नमणि मेटल्स एंड ट्यूब्स के शेयर करीब 2 फीसदी की गिरावट के साथ 2,796.05 पर कारोबार कर रहे थे। आरबीआई ने अपनी रेपो दर को 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया है। ये मई 2020 के बाद पहली बार की गई कटौती है। आरबीआई ने अपना रुख 'न्यूट्रल' बनाए रखा है।

मई 2020 में,RBI ने अर्थव्यवस्था को कोविड-19 महामारी के प्रभाव से बचाने के लिए रेपो दर को घटाकर 4 फीसदी कर दिया था। तब से,केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को सात बार बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था।

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आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है और चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई के अपने पूर्वानुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। इसने रिटेल महंगाई अनुमान को 4.8 फीसदी पर बनाए रखा है।

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