माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) 11 जनवरी को एपल (Apple) को पछाड़कर वैल्यूएशन के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई। दरअसल, मांग को लेकर चिंताओं की वजह से 2024 के शुरू में एपल के शेयरों की कमजोरी देखने को मिल रही है।
माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) 11 जनवरी को एपल (Apple) को पछाड़कर वैल्यूएशन के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई। दरअसल, मांग को लेकर चिंताओं की वजह से 2024 के शुरू में एपल के शेयरों की कमजोरी देखने को मिल रही है।
माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 11 जनवरी को कारोबार के दौरान 1.6 पर्सेंट की तेजी थी और इस आधार पर उसका मार्केट वैल्यूएशन बढ़कर 2.875 लाख करोड़ रुपये डॉलर हो गया था। दरअसल, कंपनी जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पैसे कमाने की रेस में आगे चल रही और इस वजह से निवेशकों को यह कंपनी आकर्षित कर रही है।
एपल का शेयर 11 जनवरी को कारोबार के दौरान 0.9 पर्सेंट नीचे कारोबार कर रहा था और इसके बाद मार्केट कैपिटल 2.871 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया था। साल 2021 के बाद ऐसा पहली बार है, जब इसका वैल्यूएशन माइक्रोसॉफ्ट से कम हुआ है। जनवरी में एपल के शेयरों में 3.3 पर्सेंट की गिरावट आई है, जबकि माइक्रोसॉफ्ट में 1.8 पर्सेंट की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
अमेरिकी शेयर बाजार के एक एक्सपर्ट ने बताया, ' यह लगभग तय माना जा रह था कि माइक्रोसॉफ्ट एपल से आगे निकल जाएगी, क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट की ग्रोथ ज्यादा तेज है और उसे जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का फायदा मिल रहा है।' एपल के शेयरों में कमजोरी से पहले कंपनी की रेटिंग को कई बार डाउनग्रेड किया जा चुका है, जिससे आईफोन (iPhone) की बिक्री को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
14 दिसंबर 2023 को एपल का मार्केट कैपिटल अपने पीक पर था। इस दौरान कंपनी का मार्केट कैपिटल 3.081 लाख करोड़ डॉलर था। पिछले साल एपल के शेयरों में 48 पर्सेंट बढ़ोतरी देखने को मिली। हालांकि, इस दौरान माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 57 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही।
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