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डॉक्टर रेड्डीज के शेयरों में पिछले तीन महीनों से बिकवाली कर रहे हैं म्यूचुअल फंड्स, फार्मा में बढ़ाया निवेश

Dr. Reddy's share price: कुछ बाजार जानकारों को डॉ. रेड्डी द्वारा यूएस स्थित कंपनी मेयने फार्मा को अधिग्रहित किए जाने से होने वाले फायदे को लेकर भी संदेह है। उन्हें लगता है कि कंपनी को घरेलू बाजार में अपनी पैठ बनानी चाहिए थी। ग्लोबल बाजार की चुनौतियों को देखते हुए लगता है कि आगे आने वाली तिमाहियों में घरेलू कारोबार ही फार्मा कंपनियों के लिए मेन ग्रोथ ड्राइवर साबित होगा

अपडेटेड Apr 18, 2023 पर 6:52 PM
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इस तिमाही में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज को मिली 'बाय' कॉल में दो की कमी आई है, जबकि 'होल्ड' और 'सेल' कॉल में क्रमश: एक और दो की बढ़ोतरी हुई है
     
     
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    VAIBHAVI RANJAN

    Dr. Reddy's share price: कैलेंडर ईयर 2023 की पहली तिमाही में घरेलू म्यूचुअल फंडों ने लगातार तीसरे महीने दवा बनाने वाली कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज में बिकवाली की है। नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च (Nuvama Alternative & Quantitative Research) की एक रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डीज ऐसी टॉप की 5 लार्ज-कैप कंपनियों में से एक थी जिनमें भारतीय म्युचुअल फंड्स ने लगातार तीन महीने तक अपनी हिस्सेदारी कम की है।

    घरेलू लार्ज-कैप म्यूचुअल फंडों ने अकेले मार्च में डॉ रेड्डीज में 256.46 करोड़ रुपये के शेयर बेचे


    एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ( Emkay Global Financial Services)की एक रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू लार्ज-कैप म्यूचुअल फंडों ने अकेले मार्च में डॉ रेड्डीज में 256.46 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। नुवामा की रिपोर्ट में कहा गया है मार्च में मिरे एमएफ (Mirae MF) ने डॉ. रेड्डीज में अपनी हिस्सेदारी में 273 करोड़ रुपये की कटौती की है। इसके बाद आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ ने 201 करोड़ रुपये और फ्रैंकलिन टेम्पलटन एमएफ ने 199 करोड़ रुपये की कटौती की है।

    सिप्ला और सन फार्मा में दिख रही ज्यादा ग्रोथ की उम्मीद

    गौरतलब है कि म्युचुअल फंडों के लिए अपनी होल्डिंग्स को उन एरियाज में स्थानांतरित करना आम बात है जहां उनको ज्यादा ग्रोथ की उम्मीद नजर आती है। फिर भी एक फंड मैनेजर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा है कि डॉ रेड्डीज में एमएफ के एक्सपोजर में कमी सिप्ला या सन फार्मा जैसे समान आकार की दूरी कंपनियों में निवेश करने के लिए हो सकती है। इन कंपनियों में डॉ रेड्डीज की तुलना में बेहतर ग्रोथ और रिटर्न की उम्मीद है।

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    जानिए किस ने क्या खरीदा, क्या बेचा

    जहां आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ और मिराए एमएफ ने मार्च में डॉ. रेड्डीज में अपना एक्सपोजर घटाया, वहीं सन फार्मा इन म्यूचुअल फंड्स की टॉप 10 होल्डिंग्स में से एक है। यह दो दवा कंपनियों को लेकर एफएफ बीच दो विपरीत ट्रेंड को दर्शाता है। बताते चलें की सिप्ला और सन फार्मा अधिकांश ब्रोकरेज की फेवेरेट स्टॉक हैं। इससे लगता है कि है कि डॉ रेड्डीज की तुलना में ब्रोकरेज हाउसों को दोनों स्टॉक्स में ज्यादा ग्रोथ की संभावना दिख रही है।

    सिप्ला के चौथी तिमाही के नतीजो में अच्छी मजबूती की उम्मीद

    चौथी तिमाही के परिणामों की घोषणा से पहले एनालिस्ट अनुमान लगा रहे हैं कि घरेलू बाजार में फ्लू की दवा की मजबूत बिक्री और अमेरिका में वयस्कों में मल्टीपल मायलोमा के लिए के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा Revlimid की जोरदार बिक्री के कारण सिप्ला के चौथी तिमाही के नतीजो में अच्छी मजबूती दिखेगी।

    सन फार्मा के रेवेन्यू में भी डबल डिजिट ग्रोथ का अनुमान

    जनवरी-मार्च 2023 तिमाही में सन फार्मा के रेवेन्यू में भी डबल डिजिट ग्रोथ का अंदाजा लगाया जा रहा है। इसके साथ ही विशिष्ट अधिकार (exclusivity) खोने के बाद Revlimid दवा की डॉ. रेड्डीज की बाजार हिस्सेदारी में भी कमी देखने को मिल सकती है।

    डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज को मिली 'बाय' कॉल में आई कमी

    इस तिमाही में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज को मिली 'बाय' कॉल में दो की कमी आई है, जबकि 'होल्ड' और 'सेल' कॉल में क्रमश: एक और दो की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा कुछ बाजार जानकारों को डॉ. रेड्डी द्वारा यूएस स्थित कंपनी मेयने फार्मा को अधिग्रहित किए जाने से होने वाले फायदे को लेकर भी संदेह है। उन्हें लगता है कि कंपनी को घरेलू बाजार में अपनी पैठ बनानी चाहिए थी। ग्लोबल बाजार की चुनौतियों को देखते हुए लगता है कि आगे आने वाली तिमाहियों में घरेलू कारोबार ही फार्मा कंपनियों के लिए मेन ग्रोथ ड्राइवर साबित होगा।

    सिप्ला और सन फार्मा का वैल्यूशन भी अच्छा

    वैल्यूएशन के नजरिए से देखें तो डॉ रेड्डीज की तुलना में सिप्ला और सन फार्मा ज्यादा सस्ते विकल्प नजर आ रहे हैं। इन स्टॉक में 2023 में अब तक करीब 14 फीसदी और 1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। वहीं, डॉ. रेड्डीज इस साल अब तक लगभग 16 फीसदी भाग चुका है। इसकी संभावित ग्रोथ सीमित नजर आ रही है।

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