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NSE और BSE एक अक्टूबर से ट्रांजेक्शन फीस में बदलाव करने के लिए तैयार, ब्रोकर्स और इनवेस्टर्स पर क्या होगा असर?

एक अनुमान के मुताबिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Zerodha को नए फीस स्ट्रक्चर से 10 फीसदी रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, एंजलवन की बात करें तो जुलाई 2024 में मैनेजमेंट ने संकेत दिया था कि इससे कंपनी का करीब 8% रेवेन्यू प्रभावित हो सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 29, 2024 पर 6:16 PM
NSE और BSE एक अक्टूबर से ट्रांजेक्शन फीस में बदलाव करने के लिए तैयार, ब्रोकर्स और इनवेस्टर्स पर क्या होगा असर?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) 1 अक्टूबर 2024 से अपने ट्रांजेक्शन फीस में बदलाव करने जा रहे हैं।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) 1 अक्टूबर 2024 से अपने ट्रांजेक्शन फीस में बदलाव करने जा रहे हैं। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने 1 जुलाई 2024 को इसे लेकर एक सर्कुलर जारी किया था, जिसके अनुसार अब नए फीस स्ट्रक्चर को लागू किया जाएगा। सेबी के सर्कुलर में मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MII) यानी स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी को ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर स्लैब-वाइज फीस स्ट्रक्चर को बंद करने का निर्देश दिया गया है। इसके बजाय, सेबी ने सभी मेंबर्स के लिए यूनिफॉर्म फीस स्ट्रक्चर लागू करने का निर्देश दिया।

ट्रांजेक्शन फीस में होंगे ये अहम बदलाव

NSE ने किए ये बदलाव

कैश मार्केट के लिए ट्रांजेक्शन फीस अब प्रति लाख ट्रेडेड वैल्यू पर ₹2.97 है, जो स्लैब-वाइज स्ट्रक्चर के तहत ₹2.97 से ₹3.22 की पिछली रेंज से कम है। इक्विटी फ्यूचर्स में फीस को ₹1.73 प्रति लाख ट्रेडेड वैल्यू तय की गई है, जो पहले के ₹1.73 से ₹1.88 की रेंज से कम है। इसके अलावा, इक्विटी ऑप्शन में फीस अब ₹35.03 प्रति लाख प्रीमियम वैल्यू है, जबकि पहले यह ₹29.50 से ₹49.50 की रेंज थी।

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