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BSE पर 312 करोड़ बकाया होने से लिक्विडिटी की शर्त को पूरा करने में नाकाम रही NSE की इकाई

एनएसई देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। वैश्विक मार्केट में बात करें तो कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या के हिसाब से एनएसई दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज है और ट्रेड्स की संख्या के हिसाब से दूसरा। अब सेहत की बात करें तो इस समय एनएसई एक नियम को पूरा नहीं कर पा रहा है और इसे लेकर इसने बीएसई पर आरोप लगाया है

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 05, 2025 पर 7:20 PM
BSE पर 312 करोड़ बकाया होने से लिक्विडिटी की शर्त को पूरा करने में नाकाम रही NSE की इकाई
एनएसई देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी कैश मार्केट में 94 फीसदी हिस्सेदारी है।

देश के सबसे स्टॉक एक्सचेंज NSE की क्लियरिंग इकाई एनएसई क्लियरिंग लिमिटेड (NSE Clearing Ltd) लिक्विटडी की शर्तों को पूरा करने में नाकाम रही है। ऑडिटर्स का कहना है कि लिक्विडिटी में गिरावट की मुख्य वजह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के पास NSE Clearing की बकाया राशि का होना है। BSE के पास NSE Clearing Ltd के 312.37 करोड़ रुपये बकाया है।

NSE के प्रवक्ता ने बताया, ' NSE Clearing के ऑडिटर्स ने तीसरी तिमाही के फाइनेंशियल्स की जांच-पड़ताल के दौरान पाया कि कंपनी को बीएसई लिमिटेड से अब तक 300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की बकाया रकम वापस नहीं मिली है। NSE Clearing इस सिलसिले में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से बात करने की तैयारी में है।'

मिनिमम लेवल बनाए रखना क्यों है जरूरी?

लिक्विड एसेट्स का मिनिमम लेवल बनाए रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि सभी लेन-देन को क्लियर और सेटल करने का काम क्लियरिंग कॉरपोरेशन का होता है। इसके अलावा एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर जो भी ट्रेड एग्जेक्यूट हो रहे हैं, उन सभी के लिए काउंटर-पार्टी गारंटी मुहैया कराती है। यह मिनिमम लिमिट बाजार नियामक सेबी ने सेट की है। एनएसई ने तिमाही नतीजे के साथ खुलासा किया कि एनएसई क्लियरिंग ने सेबी को 9 जनवरी 2025 को ही बता दिया था कि मिनिमम लिक्लिड एसेट्स से इसके पास ₹176.65 करोड़ कम हैं और इसकी वजह ये है कि बीएसई ने ₹312.37 करोड़ का बकाया नहीं चुकाया है। अब इसकी भरपाई मार्च 2025 तक आंतरिक जुटान या रिसीवेबल्स की रिकवरी के जरिए की जाएगी। इसके अलावा एनएसई क्लियरिंग ने इस डेफिसिट का कैलकुलेशन करते समय 31 दिसंबर 2024 तक ₹424.35 करोड़ के अर्जित ब्याज को शामिल नहीं किया था।

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