Get App

Indian Oil समेत तीनों OMCs में कितना दम? रूस से तेल की खरीदारी पर अमेरिका से भिड़ंत पर क्या हो स्ट्रैटजी?

Oil Stocks: रूस से कच्चे तेल की खरीदारी के चलते अमेरिका ने भारत पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है जिससे भारतीय सामानों पर अमेरिका अब कुल 50% का टैरिफ वसूल रहा है। हालांकि इसका भारत में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर क्या असर होगा, इसे लेकर ब्रोकरेज फर्मों का रुझान मिला-जुला है। जानिए ब्रोकरेज फर्मों का क्या कहना है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Aug 28, 2025 पर 12:21 PM
Indian Oil समेत तीनों OMCs में कितना दम? रूस से तेल की खरीदारी पर अमेरिका से भिड़ंत पर क्या हो स्ट्रैटजी?
Oil Stocks: रूस से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिका का दबाव बढ़ता जा रहा है और भारतीय सामानों पर अब 50% का टैरिफ लग रहा है। इस टैरिफ के चलते इंडियन ऑयल (Indian Oil), भारत पेट्रोलिम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) जैसी भारत की तेल मार्केटिंग कंपनियों पर असर दिख रहा है।

Oil Stocks: रूस से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिका का दबाव बढ़ता जा रहा है और भारतीय सामानों पर अब 50% का टैरिफ लग रहा है। इस टैरिफ के चलते इंडियन ऑयल (Indian Oil), भारत पेट्रोलिम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) जैसी भारत की तेल मार्केटिंग कंपनियों पर असर दिख रहा है। हालांकि ब्रोकरेज फर्म इसे लेकर एकमत नहीं हैं और उनका रुझान मिला-जुला है। एक ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी ने इनकी खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है तो इन तीनों में जेपीमॉर्गन को सबसे अच्छा भारत पेट्रोलियम लग रहा है।

क्या है ब्रोकरेज फर्मों का रुझान?

CLSA

हॉन्ग कॉन्ग की ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए का कहना है कि रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भारत को उम्मीद से कम मुनाफा ही मिल रहा है। भारत में अभी जितना तेल बाहर से आ रहा है, उसमें से 36% तो रूस का है जो वैश्विक मांग का करीब 5% ही है। सीएलएसए के मुताबिक अगर रूस से भारत कच्चा तेल खरीदना बंद करता है तो इसके भाव $90-100 प्रति बैरल तक उछल सकते हैं। सीएलएसए का कहना है कि कच्चे तेल के आयात का मुद्दा अब राजनीतिक हो गया है, फिर भी भारत वैश्विक नियमों के भीतर व्यापार करने के अपने सोवरेन अधिकार पर जोर दे रहा है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें