Pine Labs IPO Listing: मर्चेंट कॉमर्स प्लेटफॉर्म पाइन लैब्स के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स का हिस्सा तो पूरा भर भी नहीं पाया था और ओवरऑल इसे 2 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹221 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी ₹242.00 और NSE पर भी ₹242.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 9.50% का लिस्टिंग गेन (Pine Labs Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह ₹283.70 (Pine Labs Share Price) पर पहुंच गया।
हल्की-फुल्की मुनाफावसूली के साथ दिन के आखिरी में यह ₹251.30 पर बंद हुआ है यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक अब 13.71% मुनाफे में हैं। एंप्लॉयीज अधिक फायदे में हैं क्योंकि उन्हें हर शेयर ₹21 के डिस्काउंट पर मिला है।
Pine Labs IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च
पाइन लैब्स का ₹3,899.91 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 7-11 नवंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 2.48 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 3.97 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 0.30 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 1.27 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 7.78 गुना भरा था।
इस आईपीओ के तहत ₹2,080.00 करोड़ के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा ₹1 की फेस वैल्यू वाले 8,23,48,779 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹532.00 करोड़ कंपनी की खुद की और सब्सिडरीज का कर्ज हल्का करने, ₹60.00 करोड़ देश के बाहर विस्तार के लिए सब्सिडरीज में निवेश, ₹760.00 करोड़ आईटी एसेट्स में निवेश, और बाकी पैसे अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
वर्ष 1998 में बनी पाइन लैब्स एक मर्चेंट कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो पॉइंट-ऑफ-सेल (POS) सॉल्यूशंस, पेमेंट प्रोसेसिंग और मर्चेंट फाइनेंसिंग सर्विसेज मुहैया कराती है। यह छोटे कारोबारियों से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों तक को डिजिटल पेमेंट टेक्नोलॉजी और वैल्यू एडेड सर्विसेज देती है। यह एमेजन पे, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड और रेडिंगटन जैसे कंज्यूमर ब्रांड्स तो एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे दिग्गजों को सर्विसेज देती है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹265.15 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर ₹341.90 करोड़ पर पहुंच गया लेकिन अगले ही वित्त वर्ष 2025 में यह घटकर ₹145.49 करोड़ पर आ गया। हालांकि इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम लगातार बढ़ी और यह सालाना 18% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹2,327.09 करोड़ पर पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025 में कंपनी को ₹4.79 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹653.08 करोड़ की टोटल इनकम हासिल हो चुकी है। जून 2025 तिमाही के आखिरी में कंपनी पर ₹888.74 करोड़ का टोटल कर्ज था जबकि रिजर्व और सरप्लस में ₹2,327.55 करोड़ पड़े थे।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।