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प्रमोटर्स ने ही बेचे शेयर! करीब 600 कंपनियों में घटा दी हिस्सेदारी, निवेशकों के लिए खतरे की घंटी?

शेयर बाजार में अक्टूबर महीने की शुरुआत से ही भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि इससे ठीक पहले सितंबर तिमाही में करीब 600 कंपनियों (सटीक रूप से 597) के मालिकों यानी प्रमोटरों ने अपनी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटा दी थी। कंपनियों के सितंबर तिमाही के शेयरहोल्डिंग आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। वहीं दूसरी ओर महज 210 कंपनियां ऐसी रही, जिनमें प्रमोटरों ने सितंबर तिमाही के दौरान अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है

Moneycontrol Newsअपडेटेड Oct 25, 2024 पर 1:45 PM
प्रमोटर्स ने ही बेचे शेयर! करीब 600 कंपनियों में घटा दी हिस्सेदारी, निवेशकों के लिए खतरे की घंटी?
करीब 2500 कंपनियों के प्रमोटर हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं हुआ

Promoter Stakes: शेयर बाजार में अक्टूबर महीने की शुरुआत से ही भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि इससे ठीक पहले सितंबर तिमाही में करीब 600 कंपनियों (सटीक रूप से 597) के मालिकों यानी प्रमोटरों ने अपनी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटा दी थी। कंपनियों के सितंबर तिमाही के शेयरहोल्डिंग आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। वहीं दूसरी ओर महज 210 कंपनियां ऐसी रही, जिनमें प्रमोटरों ने सितंबर तिमाही के दौरान अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है।

Ace Equities के जुटाए आंकड़ों के मुताबिक, 3300 से ज्यादा कंपनियों ने अपने सितंबर तिमाही के शेयरहोल्डिंग डेटा जारी कर दिए हैं। इनमें से करीब 2500 कंपनियों के प्रमोटर हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं हुआ।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रमोटर्स की हिस्सेदारी में गिरावट का मुख्य कारण शेयरों का ऊंचा वैल्यूएशन है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सतीश मेनन ने बताया कि प्रमोटर्स के हिस्सेदारी बेचने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। उन्होंने, "प्रमोटर अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी कई कारणों से बेच सकते हैं, इसमें पर्सनल फाइनेंशियल वजह से लेकर बिजनेस से जुड़े रणनीतिक कदम तक शामिल हैं।"

उन्होंने कहा कि आमतौर पर प्रमोटर्स कर्ज को चुकाने, कॉम्पिटीशन में बने रहने, वेल्थ के डायवर्सिफिकेशन या किसी दूसरे वेंचर को फंडिंग मुहैया कराने के लिए भी हिस्सेदारी बेचते हैं।

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