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PSU banks disinvestment : PSU बैंकों के विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ी, सरकारी पैनल आज नियुक्त करेगा सलाहकार

PSU Banks Disinvestment : सरकार बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। PSU बैंकों के विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ी है। सरकारी पैनल आज सलाहकार नियुक्त करेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 08, 2025 पर 12:01 PM
PSU banks disinvestment : PSU बैंकों के विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ी, सरकारी पैनल आज नियुक्त करेगा सलाहकार
PSU Banks Disinvestment : सलाहकारों की नियुक्ति होने के बाद,अगले चरणों में वैल्यूशन,बेची जाने वाली हिस्सेदारी की मात्रा तय करने और आवश्यक मंजूरियां प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी

PSU Banks Disinvestment : मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पांच सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के लिए होने वाली डील के लिए सलाहकारों की नियुक्ति को अंतिम रूप देने के लिए 8 जुलाई को दोपहर में एक मंत्रिस्तरीय समूह की बैठक हो रही है। उन्होंने कहा कि इस कदम से अगले वित्त वर्ष में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक में माइनोरिटी हिस्सेदारी बेचने का आधार तैयार हो गया है।

एक सरकारी सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) के सचिव और दीपम (DIPAM) के सचिव की सह-अध्यक्षता वाले IMG (अंतर-मंत्रालयी समूह) से पीएसयू बैंकों में आगामी हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तकनीकी और कानूनी सलाहकारों की नियुक्ति को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। बैठक 8 जुलाई को होने वाली है।

विनिवेश की प्रक्रिया में सलाहकारों की नियुक्ति पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। वे कानूनी जटिलताओं से निपटने, किश्तें तय करने और ऑफर डॉक्यूमेंट तैयार करने में मदद करते हैं। सरकार ने बैंकिंग सेक्टर में सुधार और नान-स्ट्रेटेजिक सेक्टरों में अपनी हिस्सेदारी कम करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। सरकारी बैंकों में सरकार अपनी हिस्सेदार चरणबद्ध तरीके से कम कर सकती है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार संभवतः बाजार की मांग को परखने और इसके मुताबिक अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए माइनोरिटी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। बाजार और रेग्युलेटरी संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार रणनीतिक बिक्री पर फिलहाल विचार नहीं कर रही।"

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