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Yes Bank के लिए दुबई का सबसे बड़ा बैंक लगा सकता है बोली, जापान के ये दो निवेशक भी हैं रेस में

Race for Yes Bank: डूबने की कगार पर पहुंचे यस बैंक को करीब चार साल पहले SBI की अगुवाई में एक कंसोर्टियम ने बचाया था। अब कंसोर्टियम अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा है। इस हिस्सेदारी की खरीदने को लिए दिग्गज निवेशक सामने आ रहे हैं। पहले तो जापान के दो निवेशक सामने आए और अब दुबई का सबसे बड़ा बैंक भी सामने आ रहा है

अपडेटेड Apr 22, 2024 पर 1:26 PM
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हाल ही में Yes Bank के सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा था कि RoA बढ़ाने के लिए बैंक का फोकस अब छोटी औ मंझले आकार की कंपनियों को कर्ज देने पर है।
     
     
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    दुबई का सबसे बड़ा बैंक एमेरिट्स एनबीडी (Emirates NBD) भारत में निजी सेक्टर के बैंक Yes Bank की मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीद सकता है। एसेट्स के मामले में यस बैंक भारत का छठा सबसे बड़ा बैंक है। मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि एमिरेट्स एनबीडी ने शुरुआती दिलचस्पी दिखाई है और यह बोली दाखिल करने पर विचार कर रहा है। सूत्र के मुताबिक यस बैंक के लिए शुरुआती बोली इस महीने के आखिरी तक दाखिल हो सकती है। इससे पहले 12 अप्रैल को मनीकंट्रोल ने खुलासा किया था कि जापान का मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (MFJ) और सुमिटोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) भी इसके लिए बोली दाखिल करने पर विचार कर रहा है।

    Yes Bank की हिस्सेदारी बेच कौन रहा है?

    डूबने की कगार पर पहुंचे यस बैंक को करीब चार साल पहले SBI की अगुवाई में एक कंसोर्टियम ने बचाया था। अब कंसोर्टियम अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा है। यस बैंक के लिए नया प्रमोटर खोजने का जिम्मा इनवेस्टमेंट बैंक सिटी (Citi) को सौंपा गया है। 19 अप्रैल को यस बैंक के शेयर के क्लोजिंग प्राइस के हिसाब से इसकी मेजॉरिटी यानी 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में 35139 करोड़ रुपये लगेंगे। एसबीआई के पास इसकी 26.13 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि एलआईसी, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के पास 13.84 फीसदी हिस्सेदारी है।


    दो प्राइवेट इक्विटी फर्मों कार्लील (Carlyle) और एडवेंट इंटरनेशनल (Advent International) ने जुलाई 2022 में इसकी हिस्सेदारी खरीदी थी। बैंक ने इक्विटी शेयर और वारंट्स के जरिए 10-10 फीसदी हिस्सेदारी के बदले में 8900 करोड़ रुपये जुटाए थे। सभी लेंडर्स, एलआईसी और इन दोनों प्राइवेट इक्विटी फर्म की यस बैंक में हिस्सेदारी 52.83 फीसदी है। एमेरिट्स एनबीडी (नेशनल बैंक ऑफ दुबई) का कारोबार यूएई, इजिप्ट, भारत, टर्की, सऊदी अरब, सिंगापुर, यूके, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, बहरीन, रुस में फैला हुआ है। इसके साथ ही चीन और इंडोनेशिया में इसके रिप्रेजेंटिव ऑफिस भी हैं।

    यस बैंक को लेकर खरीदार क्यों हैं उत्सुक

    हाल ही में यस बैंक के सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा था कि RoA बढ़ाने के लिए बैंक का फोकस अब छोटी और मंझले आकार की कंपनियों को कर्ज देने पर है। प्रशांत कुमार के मुताबिक बैंक का पहला कदम अगले दो साल में 1 फीसदी और 3-5 साल में 1.5 फीसदी का RoA हासिल करने का है। दिसंबर 2023 तिमाही में यह 0.2 फीसदी पर था। वित्त वर्ष 2022-23 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक इसके 75 लाख ग्राहक थे। इसके पास 3,54,786 करोड़ रुपये का एसेट्स और 2,03,269 करोड़ रुपये का एडवांसेज थे। इसके 700 से अधिक शहरों में 1192 ब्रांचेज थे। दिसंबर 2022 में बैंक ने मार्च 2022 तक के 48 हजार करोड़ रुपये के एनपीए को जेसी फ्लावर्स एसेट रीकंस्ट्रक्शन को बेच दिए। इसका मुख्यालय मुंबई में है और इसकी गिफ्ट सिटी समेत देश भर में मौजूदगी है। इसके अलावा अबूधाबी में भी इसका एक रिप्रेजेंटिव ऑफिस है।

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    Moneycontrol News

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    First Published: Apr 22, 2024 1:26 PM

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