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रेवेन्यू सेक्रेटरी ने LTCG टैक्स पर दोबारा विचार करने से इनकार किया, कहा-टैक्स में मामूली वृद्धि सही है

रेवेन्यू सेक्रेटरी ने यह साफ कर दिया कि सरकार शेयरों और म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमों के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स में की गई वृद्धि पर दोबारा विचार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यह मामूली वृद्धि है जिसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एलटीसीजी टैक्स की एग्जेम्प्शन लिमिट भी बढ़ाई गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 25, 2024 पर 10:47 AM
रेवेन्यू सेक्रेटरी ने LTCG टैक्स पर दोबारा विचार करने से इनकार किया, कहा-टैक्स में मामूली वृद्धि सही है
23 जुलाई को पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल एसेट्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) टैक्स बढ़ाकर 12.5 फीसदी करने का ऐलान किया।

सरकार कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ाने के फैसले को वापस नहीं लेगी। रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने यह संकेत दिया है। उन्होंने कहा है कि लिस्टेड शेयरों के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) टैक्स में मामूली वृद्धि सही है। उन्होंने लिस्टेड शेयरों से होने वाली इनकम को पैसिव इनकम बताया। रियल एस्टेट के एलटीसीजी पर इंडेक्सेशन बेनेफिट्स खत्म करने के फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि शेयर, इंटरेस्ट और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे दूसरे एसेट क्लास से होने वाली इनकम को यह बेनेफिट नहीं मिलता है। उन्होंने इंडेक्सेशन बेनेफिट खत्म करने के फैसले को टैक्स नियमों को आसान बनाने की कोशिश बताया।

टैक्स बढ़ाने का असर सिर्फ ज्यादा इनकम वालों पर

मल्होत्रा ने मनीकंट्रोल से एक इंटरव्यू में बताया, "सैलरी इनकम, बिजनेस इनकम और रेंटल इनकम पर इनकम टैक्स के रेट्स ज्यादा हैं। इस पैसिव इनकम (शेयरों से इनकम) पर एलटीसीजी सिर्फ 10 फीसदी था, क्या यह सही है? यह सिर्फ एक छोटी वृद्धि है जिसका असर हमारी स्टडी के अनुसार सिर्फ ज्यादा इनकम वाले लोगों पर पड़ेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि एलटीसीजी (LTCG) पर पुनर्विचार करने की जरूरत नहीं है। यह एक छोटी वृद्धि है, जिसे कैपिटल मार्केट ने बर्दाश्त (absorb) कर लिया है।

बजट में शेयरों पर एलटीसीजी टैक्स बढ़ाने का ऐलान

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