US Dollar vs Indian Rupee: यूएस फेडरल रिजर्व ने एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी किया है जिसके चलते दुनिया भर के शेयर बाजारों में दबाव दिख रहा है। इसका असर भारतीय रुपये पर भी दिख रहा है और आज 22 सितंबर को यह रिकॉर्ड लो स्तर पर फिसल गया। रुपया एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आज 80.29 रुपये के भाव पर खुला था और इसके बाद यह 80.35 रुपये के ऑल टाइन रिकॉर्ड लो स्तर पर फिसल गया।
बाजार के जानकारों के मुताबिक रुपये में आगे भी भी गिरावट का रूझान दिख सकता है और यह 82-82 डॉलर तक लुढ़क सकता है। अमेरिकी डॉलर की ताकत मापने वाला डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) 0.95 फीसदी की उछाल के साथ 111.69 पर है।
रुपये में आगे भी गिरावट की आशंका
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता के मुताबिक जैसा कि अनुमान लगाया गया था, रुपये में गिरावट दिख रही है। डॉलर की तुलना में यूरो 20 साल के निचले स्तर 0.9822 और ब्रिटिश पौंड 29 साल के निचले स्तर 1.1234 के लेवल पर फिसल गया है। अनुज गुप्ता के मुताबिक रुपये में गिरावट आगे भी जारी रह सकती है और जल्द ही यह 81 से 82 के लेवल तक फिसल सकता है।
एशियाई देशों की करेंसी पर दिख रहा दबाव
यूएस फेड के ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले का असर एशियाई देशों की करेंसी पर दिख रहा है। रुपया ऑल टाइम रिकॉर्ड लो पर फिसल चुका है। वहीं अन्य एशियाई करेंसी की बात करें तो दक्षिण कोरिया का वॉन (Won) 1 फीसदी, फिलीपींस का पेसो (Peso) 0.73 फीसदी, चीन का रेंमिन्बी (Renminbi) 0.6 फीसदी, जापान का येन (Yen) 0.57 फीसदी, थाईलैंड का बाट (Baht) 0.51 फीसदी, ताइवान का डॉलर 0.5 फीसदी, मलेशिया का रिंगिट (Ringgit) 0.36 फीसदी और सिंगापुर का डॉलर 0.28 फीसदी गिर गया।
RBI की मौद्रिक नीतियों पर दिख सकता है दबाव
महंगाई से निपटने के लिए अमेरिकी फेड ने एक बार फिर ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी किया है और आगे भी रेट हाइक के संकेत दिए हैं। एनालिस्टों का मानना है कि फेड के फैसले से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पर भी दिख सकता है और इस महीने के आखिरी में मौद्रिक नीतियों की बैठक में दरों में 40 बीपीएस (0.40 फीसदी) की बढ़ोतरी हो सकती है।
सीआर फोरेक्स ने अपने नोट में अनुमान लगाया है कि रुपये की गिरावट को थामने के लिए फोरेक्स रिजर्व का इस्तेमाल नहीं करेगा क्योंकि पहले ही इस विकल्प का प्रयोग हो चुका है। हालांकि आरबीआई के सामने फेस्टिव सीजन से पहले लिक्विडिटी बनाए रखने की चुनौती होगी।