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Rupee at record low: रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद, इन वजहों से बना दबाव

Rupee at record low: स्टॉक मार्केट की बात करें तो मार्केट में दिन भर वोलैटिलिटी बनी रही। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 (Nifty 50) और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) गिरावट के साथ बंद हुए हैं। इन सबके बीच रुपये ने तगड़ा झटका दिया। अमेरिकी डॉलर की तुलना में यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ। जानिए इसकी गिरावट के पीछे वजह क्या रही

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Apr 03, 2024 पर 4:23 PM
Rupee at record low: रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद, इन वजहों से बना दबाव
आयात का पेमेंट आमतौर पर अमेरिकी डॉलर में होता है तो ऐसे में अगर रुपया कमजोर होता है तो इसका मतलब ये है कि रुपया कमजोर हुआ तो डॉलर में बदलने के लिए अब अधिक रुपये देने होंगे। इसका मतलब हुआ कि आयात बिल बढ़ेगा।

Rupee at record low: रुपये में आज दिन भर एक रेंज में उतार-चढ़ाव रहा। मैक्रोइकनॉमिक डेटा से जो पॉजिटिव संकेत मिले थे, वह भी रुपये को संभाल नहीं पाया क्योंकि कच्चे तेल के भाव में उछाल ने इसे झटका दे दिया। दिन के आखिरी में आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यह 83.44 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। यह रुपये का रिकॉर्ड निचला स्तर है। डॉलर की मजबूती ने रुपये की चाल पर असर डाला और यह फिसल गया। फोरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक घरेलू शेयरों की कमजोरी ने भी इसे लेकर निगेटिव माहौल तैयार किया।

कमजोर Rupee से क्या होता है असर

आयात का पेमेंट आमतौर पर अमेरिकी डॉलर में होता है तो ऐसे में अगर रुपया कमजोर होता है तो इसका मतलब ये है कि रुपया कमजोर हुआ तो डॉलर में बदलने के लिए अब अधिक रुपये देने होंगे। इसका मतलब हुआ कि आयात बिल बढ़ेगा। भारत अपनी जरूरत का करीब 85 फीसदी हिस्सा बाहर से मंगाता है यानी कि रुपये की कमजोरी से तेल पर अधिक खर्च करना होगा। वहीं वित्त वर्ष 2023 के आंकड़ों के मुताबिक भारत के अहम आयात का करीब 30 फीसदी हिस्सा पेट्रोलियम और इससे जुड़े प्रोडक्ट्स का रहा। इससे समझ सकते हैं कि रुपये की चाल कितनी अहम है।

मार्केट का कैसा रहा हाल

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