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Samvardhana Motherson की नई पंचवर्षीय योजना पर चहके निवेशक, 4% उछल पड़े शेयर

Samvardhana Motherson Shares: समवर्धन मदरसन ने पांच वर्षों का एक तगड़ा प्लान पेश किया तो निवेशक चहक उठे। इससे पहले के दो बार की पंचवर्षीय योजना के धांसू रिजल्ट से निवेशक उत्साहित दिखे और अब नया प्लान आया तो शेयर रॉकेट बन गए। जानिए कंपनी का नया पंचवर्षीय प्लान क्या है और इसे लेकर ब्रोकरेज फर्मों का क्या कहना है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Sep 08, 2025 पर 12:12 PM
Samvardhana Motherson की नई पंचवर्षीय योजना पर चहके निवेशक, 4% उछल पड़े शेयर
वित्त वर्ष 2030 तक Samvardhana Motherson का लक्ष्य $10.8 हजार करोड़ का ग्रास रेवेन्यू हासिल करने की है।

Samvardhana Motherson Shares: गाड़ियों के पार्ट्स बनाने वाली समवर्धन मदरसन के शेयर आज रॉकेट बन गए। यह तेजी ग्रुप की तरफ से पांच साल की योजना के खुलासे पर आई है। समवर्धन मदरसन इंटरनेशनल ने पांच साल की योजना का खुलासा किया तो इसके शेयरों पर निवेशक टूट पड़े और भाव 4% से अधिक उछल गए। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। फिलहाल बीएसई पर यह 4.22% के उछाल के साथ ₹98.59 पर है। इंट्रा-डे में यह 4.33% चढ़कर ₹98.70 पर पहुंच गया था। एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो पिछले साल 27 सितंबर 2024 को बीएसई पर यह एक साल के हाई ₹144.74 पर था। इस हाई से 9 महीने में यह 50.55% टूटकर ₹7 अप्रैल 2025 को ₹71.57 पर आ गया।

Samvardhana Motherson का क्या है पांच वर्षों का प्लान?

समवर्धन मदरसन के पांच वर्षों के नए प्लान के मुताबिक वित्त वर्ष 2030 तक इसका लक्ष्य $10.8 हजार करोड़ का ग्रास रेवेन्यू हासिल करने की है। यह वित्त वर्ष 2025 में हासिल किए गए $2.57 हजार करोड़ के ग्रास रेवेन्यू से करीब 4 गुना अधिक है। इसके अलावा कंपनी की योजना बिजनेस में लगाई गई पूंजी पर रिटर्न यानी कि RoCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड) को दोगुना कर वित्त वर्ष 2030 के आखिरी तक 40% तक ले जाने की है। वित्त वर्ष 2025 में यह 18% पर था। कंपनी की योजना के मुताबिक एक देश की रेवेन्यू में अधिकतम हिस्सेदारी 10% रखी जाएगी और डिविडेंड पेआउट रेश्यो 40% तक बनाए रखने की कोशिश है।

कंपनी को इस बात का भरोसा है कि इसका 75% से अधिक बढ़ा हुआ रेवेन्यू उन कंपनियों से आएगा जिनका हाल ही में इसने अधिग्रहण किया है। इसके अलावा ग्रुप की योजना है कि ग्रुप की जो कंपनियां अपने दम पर टिकने में कामयाब होती हैं, उन्हें अलग से लिस्ट कर दिया जाएगा। वैसे बता दें कि कंपनी ने यह पहले स्पष्ट कर दिया था कि अमेरिका के 50% टैरिफ का इसके कारोबार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।

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