SBI के दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे हैं। साल दर साल आधार पर बैंक का मुनाफा 8 फीसदी बढ़कर 14,430 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान लोन ग्रोथ अच्छी रही। लेकिन, मार्जिन में थोड़ी कमी आई। सैलरी बढ़ाने के लिए किए गए प्रोविजन की वजह से मुनाफा थोड़ा कम रहा। हालांक, क्रेडिट कॉस्ट घटने और लोन लॉस के लिए कम प्रोविजनिंग से थोड़ी मदद मिली। सभी मानकों पर एसेट क्वालिटी बेहतर हुई है। सैलरी के लिए ज्यादा प्रोविजन करने के बावजूद इस वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में बैंक का रिटर्न ऑन एसेट (ROA) 1.01 फीसदी रहा। अच्छे रिटर्न रेशियो और फेवरेबल एसेट क्वालिटी साइकिल के बावजूद SBI के स्टॉक्स की वैल्यूएशन कम दिखती है। इसकी बड़ी वजह इसकी गवर्नमेंट ओनरशिप हो सकती है। अब भी इस बैंक में सबसे बड़ी हिस्सेदारी सरकार की है। कम वैल्यूएशन को देखते हुए SBI का स्टॉक लंबी अवधि के लिहाज से अट्रैक्टिव दिखता है। यह देश का सबसे बड़ा बैंक भी है।