सेबी ने न्यू एज कंपनियों के की परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स (केपीआई) से जुड़े डिसक्लोजर पर करीबी नजर रखनी शुरू कर दी है। मार्केट रेगुलेटर खासकर उन स्टार्टअप्स और डिजिटल कंपनियों के मामले में सख्ती बरत रहा है, जिन्होंने आईपीओ लॉन्च करने का प्लान बनाया है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सेबी ने कुछ कंपनियों के केपीआई में बदलाव पर रिपोर्ट मांगी है। सेबी जानना चाहता है कि फंड जुटाने के समय पेश किए गए केपीआई और पब्लिक इश्यू के दौरान पेश किए केपीआई में बदलाव कितना सही है। सेबी का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी कंपनी के आईपीओ में बोली लगाने वाले निवेशकों से शेयरों की बहुत ज्यादा कीमत वसूल नहीं की जाए।