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SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा, मौजूदा इंडेक्स में REITs को शामिल करने पर विचार, कुछ शर्तें होंगी लागू

तुहिन कांता पांडे ने शुक्रवार, 21 नवंबर को कहा कि सेबी मार्केट इंडेक्स में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) को शामिल करने के बारे में सोच रहा है। इस कदम का मकसद इस सेगमेंट में लिक्विडिटी, विज़िबिलिटी और इंस्टीट्यूशनल पार्टिसिपेशन को बेहतर बनाना है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Nov 21, 2025 पर 5:00 PM
SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा,  मौजूदा इंडेक्स में REITs को शामिल करने पर विचार, कुछ शर्तें होंगी लागू
तुहिन कांता पांडे ने कहा कि भले ही ये प्रोडक्ट्स रेगुलर डिस्ट्रीब्यूशन और रेगुलेटेड गवर्नेंस स्ट्रक्चर के साथ आते हैं, फिर भी REITs और InvITs में रिटेल पार्टिसिपेशन कम है

मार्केट रेगुलेटर सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा है कि मौजूदा इंडेक्स में REITs को शामिल करने पर विचार चल रहा है। हालांकि इसमें कुछ शर्तें लागू होंगी। उन्होंने कहा कि REITs में ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट्स को भी शामिल किया जा सकता है। इसके लिए सेफगार्ड रखा जा सकता है जो प्रोजेक्ट का कुछ निश्चित प्रतिशत हो सकता है। SEBI इंडेक्स में REIT और InvIT को शामिल करने के लिए लिक्विड म्यूचुअल फंड का विस्तार किया जाएगा।

SEBI के चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने REITs और InvITs पर हुए नेशनल कॉन्क्लेव का इस्तेमाल भारत के अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रक्चर के लिए लिक्विडिटी में सुधार, पार्टिसिपेशन बढ़ाने और रेगुलेटरी माहौल को मजबूत करने के लिए एक बड़ा रोडमैप बताने के लिए किया।

तुहिन कांता पांडे ने शुक्रवार (21 नवंबर) को कहा कि सेबी मार्केट इंडेक्स में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) को शामिल करने के बारे में सोच रहा है। इस कदम का मकसद इस सेगमेंट में लिक्विडिटी, विज़िबिलिटी और इंस्टीट्यूशनल पार्टिसिपेशन को बेहतर बनाना है। REITs और InvITs पर नेशनल कॉन्क्लेव में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि इस कदम के साथ REITs और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) दोनों तक म्यूचुअल फंड की पहुंच बढ़ाने के उपाय भी किए जाएंगे।

REITs और InvITs क्यों हैं ज़रूरी ?

REITs और InvITs मार्केट में लिस्टेड इन्वेस्मेंट व्हीकल हैं जो इन्वेस्टर्स से पैसे जुटा कर इसको इनकम कराने वाले रियल एस्टेट या इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स में निवेश करते हैं और उन्हें ऑपरेट करते हैं। REITs में आमतौर पर ऑफिस पार्क जैसी कमर्शियल प्रॉपर्टी होती हैं, जबकि InvITs में हाईवे, ट्रांसमिशन लाइन या रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स जैसे एसेट्स होते हैं। उनके कैश-फ्लो-बैक्ड स्ट्रक्चर इन्वेस्टर्स को स्टेबल यील्ड देते हैं, साथ ही एसेट ओनर्स को पैसे जुटाने का जरिया भी देते हैं।

तुहिन कांता पांडे ने कहा कि ये इंस्ट्रूमेंट्स “इंडिया के इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग के अगले फेज का एक अहम हिस्सा हैं” और अगर लिक्विडिटी और इन्वेस्टर पार्टिसिपेशन काफी बढ़ता है तो ये डोमेस्टिक और ग्लोबल कैपिटल दोनों को अट्रैक्ट कर सकते हैं। SEBI चीफ ने आगे कहा कि सेबी REITs और InvITs में एक्सपोजर की अनुमति देने के लिए लिक्विड म्यूचुअल फंड्स के पूल को बढ़ाएगा, जिससे फंड हाउस इन इंस्ट्रूमेंट्स में बड़ा एलोकेशन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि SEBI ने अब म्यूचुअल फंड स्पष्ट क्लासिफिकेशन कर दिया है।

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