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SEBI का शानदार प्रस्ताव, निवेशकों से फर्जी ब्रोकर्स नहीं ले पाएंगे पैसा

SEBI in Action: अनरजिस्टर्ड एंटिटीज/फिनफ्लुएंसर्स के कारोबार पर बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) एक और हथौड़ा चलाने की तैयारी में हैं। सेबी ने एक ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है जिससे फर्जी ब्रोकर्स निवेशकों से पैसे नहीं ले पाएंगे क्योंकि निवेशक पैसे भेजते समय ही जान जाएंगे कि जिसके पास वह पैसे भेज रहे हैं, उसे पैसे लेने की मंजूरी मिली भी है या नहीं

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jan 31, 2025 पर 11:24 PM
SEBI का शानदार प्रस्ताव, निवेशकों से फर्जी ब्रोकर्स नहीं ले पाएंगे पैसा
SEBI in Action: बाजार नियामक सेबी ने अनरजिस्टर्ड एंटिटीज/फिनफ्लुएंसर्स के कारोबार को झटका देने का एक और प्रस्ताव तैयार किया है।

SEBI in Action: बाजार नियामक सेबी ने अनरजिस्टर्ड एंटिटीज/फिनफ्लुएंसर्स के कारोबार को झटका देने का एक और प्रस्ताव तैयार किया है। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एक ऐसे सिस्टम का प्रस्ताव रखा है जिसके जरिए निवेशक यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि वे किसी रेगुलेटेड या रजिस्टर्ड एंटिटीज को पैसे दे रहे हैं। सेबी ने खास यूपीआई आईडी के इस्तेमाल का सुझाव दिया है जिसे एक सॉफ्टवेयर के जरिए जेनेरेट किया जाएगा और इसमें इंटरमीडिएयरी और जिसमें यह ऑपरेट हो रहा है, उस सेगमेंट का नाम शामिल होगा। सेबी ने इससे जुड़ा एक कंसल्टेशन पेपर आज 31 जनवरी को जारी किया है। इसके अलावा सेबी ने यूपीआई के जरिए डेली ट्रांजैक्शन की अपर लिमिट को मौजूदा प्रतिदिन 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा है लेकिन सिर्फ कैपिटल मार्केट ट्रांजैक्शंस के लिए।

UPI ID वाला क्या है SEBI का प्रस्ताव?

सेबी के कंसल्टेशन पेपर के मुताबिक वर्षों से कई अनरजिस्टर्ड एंटिटीज निवेशकों से गलत तरीके से पैसे जुटाकर अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल करती हैं और निवेशक गुमराह होते हैं। इनकी पहचान के लिए खास यूपीआई आईडी का तरीका अपनाया जा सकता है। सेबी को उम्मीद है कि इससे निवेशक समझ जाएंगे कि जिन्हें वह पैसे भेज रहे हैं, वह सेबी के पास रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज है या नहीं।

आमतौर पर यूपीआई एड्रेस में यूजरनेम और हैंडल होता है जो एक-दूसरे से एक सिंबल “@” से जुड़े होते हैं। अब सेबी का प्रस्ताव है कि इसमें यूजर के लिए अल्फान्यूमेरिक आईडी जेनेरेट की जाए और हैंडल एक यूनिक आईडेंटिफायर होगा जो रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज के बैंक से जुड़ा होगा। यूजर नेम ऐसा होगा, जो उस सेगमेंट से जुड़ा होगा, जिसमें यह काम कर रहा है। इसे एक उदाहरण से आसानी से समझ सकते हैं। जैसे कि abc.bkr एक ब्रोकर के लिए और abc.mf एक म्यूचुअल फंड के लिए। यूपीआई हैंडल "@payright" को इंडरमीडियरी के बैंक से जोडे़गा जैसे कि abc.bkr@payrighthdfc या abc.mf@payrighthdfc।

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