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SEBI ने म्यूचुअल फंड्स के फीस स्ट्रक्चर में किए बड़े बदलाव, इनवेस्टर्स के हित में लिए कई फैसले

सेबी के नए नियम में कहा गया है कि टीईआर के कैलकुलेशन में अब एसटीटी, जीएसटी, स्टैंप ड्यूटी और कमोडिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स शामिल नहीं होंगे। रेगुलेटर ने ब्रोकरेज और डिस्ट्रिब्यूशन कमीशन के नियमों को भी सख्त किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 17, 2025 पर 9:59 PM
SEBI ने म्यूचुअल फंड्स के फीस स्ट्रक्चर में किए बड़े बदलाव, इनवेस्टर्स के हित में लिए कई फैसले
सेबी बोर्ड की 17 दिसंबर को हुई मीटिंग में सेबी (म्यूचुअल फंड्स) रेगुलेशंस, 2026 को मंजूरी मिल गई।

सेबी ने म्यूचुअल फंड्स इनवेस्टर्स के हित में बड़ा फैसला लिया है। सेबी के बोर्ड ने 17 दिसंबर को टोटल एक्सपेंस रेशियो (टीईआर) फ्रेमवर्क में बदलाव के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इससे म्यूचुअल फंड्स के निवेशकों पर फंड मैनेजमेंट से जुड़े एक्सपेंसेज का बोझ घटेगा। सेबी ने पहले नियमों में बदलाव का ड्राफ्ट पेश किया था।

ब्रोकरेज और डिस्ट्रिब्यूशन कमीशन के नियमों में बदलाव

सेबी के नए नियम में कहा गया है कि टीईआर के कैलकुलेशन में अब एसटीटी, जीएसटी, स्टैंप ड्यूटी और कमोडिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स शामिल नहीं होंगे। रेगुलेटर ने ब्रोकरेज और डिस्ट्रिब्यूशन कमीशन के नियमों को भी सख्त किया है। उसने कुछ खास स्कीमों के लिए परफॉर्मेंस आधारित एक्सपेंस स्ट्रक्चर्स की इजाजत दी है।

सेबी (म्यूचुअल फंड्स) रेगुलेशंस, 2026 को मंजूरी 

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