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सेबी ने सिक्योरिटीज के ट्रांसफर प्रोसेस को आसान बनाया, जानिए रेगुलेटर ने सर्कुलर में क्या कहा है

अभी सिक्योरिटी होल्डर की मौत के बाद नॉमिनी सिक्योरिटीज के लिए ट्रस्टी की भूमिका निभाता है और सक्सेशन प्लान के मुताबिक उन्हें कानूनी वारिस को ट्रांसफर करता है। इस प्रक्रिया की वजह से कई बार कैपिटल गेंस टैक्स को लेकर नॉमिनी का एसेसमेंट होता है। इसे नॉमिनी को दिक्कत होती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 19, 2025 पर 8:58 PM
सेबी ने सिक्योरिटीज के ट्रांसफर प्रोसेस को आसान बनाया, जानिए रेगुलेटर ने सर्कुलर में क्या कहा है
नया फ्रेमवर्क 1 जनवरी, 2026 से लागू हो जाएगा। सभी मार्केट इंटरमीडियरीज को अगले साल 1 जनवरी से पहले सिस्टम में जरूरी बदलाव करने को कहा गया है।

सेबी ने नॉमिनी से कानूनी वारिस को सिक्योरिटीज के ट्रांसफर पर एक सर्कुलर जारी किया है। इसका मकसद सिक्योरिटीज के ट्रांसफर के प्रोसेस को आसान बनाना है। इससे कंप्लायंस में भी आसानी होगी और सक्सेशन के मामलों में टैक्स से जुड़ी बाधाएं खत्म होंगी।

अभी शेयरों के ट्रांसफर में आती है दिक्कत

अभी सिक्योरिटी होल्डर की मौत के बाद नॉमिनी सिक्योरिटीज के लिए ट्रस्टी की भूमिका निभाता है और सक्सेशन प्लान के मुताबिक उन्हें कानूनी वारिस को ट्रांसफर करता है। इस प्रक्रिया की वजह से कई बार कैपिटल गेंस टैक्स को लेकर नॉमिनी का एसेसमेंट होता है। हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, इस 'ट्रांसमिशन' को 'ट्रांसफर' नहीं माना जाता है। नॉमिनी को रिफंड क्लेम कर सकता है, लेकिन इस प्रोसेस में देर होती है और इसमें मुश्किल भी आती है।

सेबी ने मामले पर विचार के लिए बनाया था वर्किंग ग्रुप

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