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शेयर बाजार शॉर्ट टर्म में भारी उतार-चढ़ाव के जोखिमों से भरा है, क्या करें निवेशक!

बैंक ऑफ इंगलैंड ने दरें 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाई हैं। वहीं स्विस नेशनल बैंक ने 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। अमेरिका पहले ही तकनीकी रूप से मंदी में पहुंच चुका है

Bhuwan Bhaskarअपडेटेड Sep 27, 2022 पर 2:28 PM
शेयर बाजार शॉर्ट टर्म में भारी उतार-चढ़ाव के जोखिमों से भरा है, क्या करें निवेशक!
अप्रैल 2021 से जुलाई 2022 तक लगातार 16 महीनों तक भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली करने के बाद FII पहली बार अगस्त में निर्णायक तौर पर खरीदार बनकर उभरे हैं

भुवन भास्कर

शेयर बाजार में ट्रेडिंग जोखिमों से भरा है। इस बात की गवाही कोई भी ट्रेडर दे सकता है। शुक्रवार 16 सितंबर को सेंसेक्स और निफ्टी 2-2% गिरे थे। इसके बाद सोमवार को भी बाजार में बड़ी गिरावट रही। सोमवार को शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट रही। सेंसेक्स 953 अंक यानि 1.64% टूटकर 57,145.22 के लेवल पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी भी 311.05 अंक यानि 1.80% गिरकर 17000 के मनोवैज्ञानिक लेवल से ऊपर 17.016.30 पर बंद होने में कामयाब रहा।

मुद्दा था पिछले हफ्ते होने वाली अमेरिकी फेड की मीटिंग, जिसमें ब्याज दरें 75 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ने की संभावना थी। फिर जब मंगलवार की रात को वास्तव में यह फैसला होना था, उससे पहले दो दिनों के सत्र में सूचकांकों ने शुक्रवार को हुई लगभग सारी गिरावट को पाट लिया। शुक्रवार को 1.94% की गिरावट दर्ज करने वाला निफ्टी सोमवार और मंगलवार को 1.6% चढ़ चुका था। और मंगलावर की रात को फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि के बाद डाओ जोंस 500 अंकों से ज्यादा गिरकर बंद हुआ था। लेकिन बुधवार को जब भारतीय बाजार खुले, तो उनमें मामूली गिरावट दिखी। वृहस्पतिवार को बाजार हालांकि गिरकर बंद हुए लेकिन निफ्टी की क्लोजिंग अपने ओपनिंग लेवल से 20 प्वाइंट ऊपर थी। यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो निफ्टी-सेंसेक्स पर फेडरल रिजर्व के फैसले का कोई असर नहीं पड़ा।

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पिछले हफ्ते का शुक्रवार यानी 23 सितंबर एक बार फिर उससे पिछले शुक्रवार का मिरर इमेज जैसा दिखा। निफ्टी लगभग 1.7% गिरकर 302 अंक नीचे बंद हुआ। एक बार फिर शुक्रवार की इस गिरावट को इस हफ्ते होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मीटिंग से जोड़ कर देखा जा सकता है। फेडरल रिजर्व की मीटिंग के बाद पूरी दुनिया के केंद्रीय बैंकों ने अपने-अपने देशों के लिए ब्याज दरें बढ़ानी शुरू कर दी हैं।

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