Property: मुंबई के एक कपल को प्रॉपर्टी पर मिले मुआवजे की पर इनकम टैक्स विभाग की तरफ से लगे गलत टैक्स से राहत मिली है। इनकम टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) का हालिया फैसला देशभर के होमबायर्स के लिए राहत लेकर आया है। ITAT के मुताबिक अगर किसी बिल्डर ने फ्लैट देने में देरी की है और उसके बदले खरीदार को मुआवजा दिया गया है, तो उस रकम को कैपिटल गेन केटेगरी के तहत टैक्स नहीं लगाया जा सकता। अदालत ने साफ कहा कि यह रकम प्रॉपर्टी की सेल या ट्रांसफर से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह देरी का ब्याज जैसा पेमेंट है, इसलिए इसे इंटरेस्ट इनकम की तौर पर गिना जाएगा।
