लॉर्जकैप की तुलना में मिड और स्मॉल कैप ने किया बेहतर प्रदर्शन, एक्सपर्ट्स से जानिए क्या आगे भी जारी रहेगा ये आउटपरफार्मेंश
छोटे-मझोले शेयरों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से ही दिग्गज शेयरों की तुलना में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करना शुरु कर दिया था। बाजार जानकारों का कहना है कि बाकी बचे साल में भी यहीं ट्रेंड कायम रहेगा। 20 फरवरी 2022 के बाद से BSE मिडकैप और स्म़ॉलकैप में 14 से 17 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है जबकि इस साल अब तक सेंसेक्स में सिर्फ 8.2 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं इस साल अब तक बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप करीब 1.7 फीसदी भागे है। वहीं सेंसेक्स 1.3 फीसदी चढ़ा है।
मार्केट एनालिस्ट का मानना है कि अक्टूबर 2021 के बाद से बाजार में आए करेक्शन ने मिड और स्मॉलकैप शेयरों को निवेश के नजरिए से आर्कषक बना दिया है। ये दोनों अपने लॉर्ज कैप स्टॉक्स की तुलना में सस्ते और आर्कषक भाव पर मिल रहे है। हालांकि जानकारों का यह भी कहना है कि नियर टर्म में बाजार में वोलैटिलिटी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता । इसके अलावा बढ़ती महंगाई, इकोनॉमी में मंदी और कंपनियों की अर्निंग डाउनग्रेड का जोखिम बना हुआ है।
2020 में कोविड -19 महामारी के आउटब्रेक के बाद 2022 अब तक का सबसे ज्यादा वोलेटाइल साल रहा है। इस साल विदेशी निवेशकों की तरफ से लगातार बिकवाली देखने को मिली है। इसके अलावा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के चलते क्रूड ऑयल की कीमतें आसमान पर पहुंच गई और यूएस फेड ने पिछले 4 साल में पहली बार अपनी दरों में बढ़ोतरी की।