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Short Call: फेड के इंटरेस्ट रेट घटाने के बाद इंडिया बन सकता है विदेशी निवेशकों की पहली पसंद, जानिए Ashok Leyland, Emcure Pharma क्यों सुर्खियों में हैं

फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट घटाने के बाद इंडियन मार्केट्स का अट्रैक्शन विदेशी निवेशकों के बीच बढ़ सकता है। चीन की कमजोर इकोनॉमी को देखते हुए विदेशी निवेशक पहले से निवेश के लिए किसी नए डेस्टिनेशन की तलाश में हैं। आम तौर पर फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) इंटरेस्ट रेट्स में कमी के दौरान उभरते बाजारों में निवेश बढ़ाते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 19, 2024 पर 10:26 AM
Short Call: फेड के इंटरेस्ट रेट घटाने के बाद इंडिया बन सकता है विदेशी निवेशकों की पहली पसंद, जानिए Ashok Leyland, Emcure Pharma क्यों सुर्खियों में हैं
एमक्योर फार्मास्युटिकल्स का स्टॉक 18 सितंबर को 2.24 फीसदी के उछाल के साथ 1,527 रुपये पर क्लोज हुआ।

एक पुरानी कहावत है-किसी एक के नुकसान में दूसरे को फायदा। चीन की सुस्त ग्रोथ का फायदा इंडिया को मिलता दिख रहा है। हालांकि, इंडियन मार्केट्स की हाई वैल्यूएशन की अनदेखी नहीं की जा सकती, लेकिन मजबूत फंडामेंटल्स की वजह से बाजार में तेजी जारी है। उधर, चीन की इकोनॉमी से जुड़े डेटा निराश करने वाले हैं। इससे ग्लोबल ब्रोकरेज फर्में चीन को डाउनग्रेड कर रही हैं। ऐसे में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स निवेश के लिए डेस्टिनेशन तलाश रहे हैं।

अमेरिका में फेडरल रिजर्व के 18 सितंबर को इंटरेस्ट रेट घटा देने के बाद विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) के लिए उभरते बाजारों में इंडिया निवेश का सही डेस्टिनेशन हो सकता है। आम तौर पर फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) इंटरेस्ट रेट्स में कमी के दौरान उभरते बाजारों में निवेश बढ़ाते हैं, क्योंकि अमेरिकी बॉन्ड्स और दूसरे एसेट्स में यील्ड घट जाती है। मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि MSCI Emerging Markets Index में इंडिया के चीन से आगे निकल जाने के बावजूद निवेश के डेस्टिनेशन के रूप में इंडिया का अट्रैक्शन बढ़ेगा। इस इंडेक्स में 2021 में चीन की हिस्सेदारी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी। तब से यह घटकर करीब आधी 2.24 फीसदी रह गई है, जबकि इंडिया का वेटेज 2.35 फीसदी हो गया है। इससे इंडिया दुनिया में छठा सबसे बड़ा मार्केट बन गया है।

फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट घटाने और MSCI Index में वेटेज बढ़ने के बाद इंडिया में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ सकती है। इंडियन मार्केट पहले से ही डोमेस्टिक लिक्विडिटी की वजह से लगातार चढ़ रहे हैं। फिलहाल, इंडियन मार्केट्स को लेकर किसी तरह का रिस्क नहीं दिख रहा। सवाल है कि क्या इंडिया 'नेक्स्ट चाइना' बनने जा रहा है?

Ashok Leyland

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