शेयर बाजार आमतौर पर मंदी के दौरान एक बीयर फेज में चला जाता है, जहां स्टॉक लगातार गिर रहे होते हैं या पहले से ही अपने निचले स्तर पर होते हैं। निवेशक आमतौर पर ऐसे बाजार में नया निवेश करने को लेकर सतर्क रहते हैं क्योंकि स्टॉक कीमतों में और गिरावट की संभावना बनी रहती है। ऐसे में कई निवेशक बाजार से दूरी भी बना लेते हैं। इससे भी निराशाजनक स्थिति को जो चीज जटिल बनाती है, वह यह है कि मंदी खत्म होने की कोई तारीख नहीं होती है। यह कुछ महीनों तक भी जारी रह सकती है या कई सालों तक भी खींच सकती है।
