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Stock market : FMCG, ऑटो, इंश्योरेंस और MSMEs को मिला GST का बूस्टर डोज, आज इनमें जोरदार एक्शन की उम्मीद

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी दरों को 5% और 18% में मिलाने के फैसले से त्योहारी सीजन से पहले एफएमसीजी, ऑटो, इंश्योरेंस , कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और MSMEs जैसे कई सेक्टरों को फायदा होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 04, 2025 पर 8:50 AM
Stock market : FMCG, ऑटो, इंश्योरेंस और MSMEs को मिला GST का बूस्टर डोज, आज इनमें जोरदार एक्शन की उम्मीद
ओम्नीसाइंस कैपिटल के सीईओ विकास गुप्ता ने कहा कि जूते और अपेरल में टैक्स कटौती का मांग और आपूर्ति दोनों पर "दोहरा प्रभाव" पड़ेगा

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार द्वारा ऑटो, एफएमसीजी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सहित तमाम सेक्टरों में जीएसटी दरों में बड़ी कटौती की घोषणा के बाद,बाजार से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है। कई लोग सरकार के इस कदम को'ऐतिहासिक दिवाली उपहार'भी कह रहे हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी दरों को 5% और 18% में मिलाने के फैसले से त्योहारी सीजन से पहले एफएमसीजी, ऑटो, इंश्योरेंस , कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और MSMEs जैसे कई सेक्टरों को फायदा होगा।

एलकेपी सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट निनाद जाधव ने कहा, "नई जीएसटी रेजीम में स्लैब को 5% और 18% में मिला दिया गया है, जबकि विलासिता की वस्तुओं के लिए 40% की दर तय की गई है। आवश्यक वस्तुओं, टिकाऊ वस्तुओं और इंश्योरेंस पर टैक्स में बड़ी राहत मिलेगी। इससे एफएमसीजी, ऑटो, इंश्योरेंस और एमएसएमई जैसे सेक्टरों को फायदा होगा। जिससे इनकी मांग बढ़ेगी, नियमों का अनुपालन आसान होगा और त्योहारी सीजन से पहले आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।"

इसी तरह जाइलम पीएमएस के फाउंडर विनीत गाला ने कहा कि यह पूरा पैकेज "बहुत सकारात्मक" है। उन्होंने कहा, "12% और 28% स्लैब को हटाकर सरकार ने अस्पष्टता को कम कर दिया है। इससे भारत दुनिया का सबसे बेहतर टैक्स व्यवस्थाओं के करीब आ गया है।" उन्होंने आगे कहा कि सेंटीमेंट में सुधार हुआ है। आगे हमें टेक्सटाइल, अपेरल, जूते और एफएमसीजी जैसे खपत वाले सेक्टरों में तेजी देखने को मिल सकती है।

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