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Stock Markets: क्या शेयर बाजार में आने वाली है बड़ी Bull रैली? इन वजहों से जगी उम्मीद

Stock Markets: बाजार को उम्मीद है कि अमेरिका और दूसरे कई देशों से काफी सारा पैसा भारतीय बाजार में आने वाला है। ये पैसा जब भारतीय शेयरों में लगेगा, तो जाहिर सी बात इनके भाव ऊपर जाएंगे और बाजार में तेजी का सिलसिला शुरू हो जाएगा। बाजार की इस सोच के पीछे क्या तर्क है और एक्सपर्ट्स का क्या कहना है, आइए विस्तार से जानते हैं

Curated By: Vikrant singhअपडेटेड Nov 15, 2023 पर 10:14 PM
Stock Markets: क्या शेयर बाजार में आने वाली है बड़ी Bull रैली?  इन वजहों से जगी उम्मीद
अक्टूबर महीने के दौरान अमेरिका की मंहगाई दर उम्मीद से अधिक कम रही है

Stock Markets: क्या शेयर बाजार में एक बड़ी बुल रैली (Bull Rally) आने वाली है? ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज 15 नवंबर को बाजार में जिस तरह से तेजी आई हैं, उससे कुछ ऐसा ही संकेत मिला है। सेंसेक्स आज 742 अंक चढ़कर बंद हुआ। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण रहा अमेरिका और वहां की परिस्थितियां। बाजार को उम्मीद है कि अमेरिका और दूसरे कई देशों से काफी सारा पैसा भारतीय बाजार में आने वाला है। ये पैसा जब भारतीय शेयरों में लगेगा, तो जाहिर सी बात इनके भाव ऊपर जाएंगे और बाजार में तेजी का सिलसिला शुरू हो जाएगा। बाजार की इस सोच के पीछे क्या तर्क है और एक्सपर्ट्स का क्या कहना है, आइए विस्तार से जानते हैं-

शेयर बाजार में आज की तेजी के पीछे मुख्य वजह रही अमेरिका से आई पॉजिटिव खबर। अक्टूबर महीने के दौरान अमेरिका की मंहगाई दर उम्मीद से अधिक कम रही है। यह बाजार के लिए अच्छी खबर है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक महंगाई को रोकने के लिए अमेरिका और बाकी दुनिया में भी ब्याज दरों को तेजी से बढ़ाया जा रहा था। भारत में भी RBI ने ब्याज दरें बढ़ाई थीं। लेकिन अब चूंकि अमेरिका महंगाई दर थोड़ी नीचे आई है, ऐसे में यह उम्मीद जगी है अब ब्याज दरों को बढ़ाने का सिलसिला जल्दी पलटेगा।

ब्याज दरों पर इतना फोकस इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इसका और शेयर बाजार का लगभग 36 का आंकड़ा होता है। ब्याज दरें जब बढ़ती है, तो आमतौर पर बाजार नीचे जाता दिखता है। वहीं जब ब्याज दरें घटती हैं, तो बाजार में तेजी आ जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ब्याज दर बढ़ने पर फिक्स्ड डिपॉजिट या बॉन्ड पर मिलने वाला रेट बढ़ जाता है। ऐसे में जो लोग जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, वो अपना पैसा एफडी या बॉन्ड में लगा देते हैं।

अमेरिका जैसे कई बड़े देशों में कोरोना के पहले तक बैंकों में एफडी कराने पर बस आधा या 1 पर्सेंट ब्याज मिलता था। ऐसे में वहां के निवेशक पैसा कमाने के लिए दूसरे देशों में जाते थे। लेकिन हाल में अमेरिका में ब्याज दर जब 5% से ज्यादा हो गई, तो कई निवेशक शेयर बाजारों से अपना पैसा निकालकर वापस चले गए थे। इससे बीच में शेयर बाजार का प्रदर्शन फीका रहा था।

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