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शेयर मार्केट Crash होता रहा तो रिटेल इनवेस्टर्स को क्या करना चाहिए?

अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने इंडियन मार्केट्स में 92,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। इसके मुकाबले घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 89,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। डीआईआई में मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड कंपनियां शामिल हैं। लेकिन, डीआईआई की भारी खरीदारी के बावजूद Nifty 50 में अक्टूबर में 5 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 25, 2024 पर 2:10 PM
शेयर मार्केट Crash होता रहा तो रिटेल इनवेस्टर्स को क्या करना चाहिए?
इससे पहले विदेशी निवेशकों ने कोविड की शुरुआत में इंडियन मार्केट्स में 65,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।

इस महीने की शुरुआत में मैंने लिखा था कि चीन के स्टॉक मार्केट्स का बढ़ता अट्रैक्शन इंडियन स्टॉक्स मार्केट्स पर भारी पड़ सकता है। सितंबर के अंत में चीन में सरकार ने कई राहत पैकेज के ऐलान किए थे। इसका असर चीन के स्टॉक्स मार्केट्स पर पड़ा। शेयरों में तेजी देखने को मिली। चीन के स्टॉक मार्केट्स की कम वैल्यूएशन ने भी विदेशी निवेशकों को अट्रैक्ट किया। यह ट्रेंड अक्टूबर में जारी रहा। अक्टूबर में विदेशी निवेशकों के इंडियन मार्केट्स में बिकवाली के पुराने रिकॉर्ड टूट गए। विदेशी निवेशकों ने इंडियन मार्केट्स में 92,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचे हैं। पहले कभी एक महीने में उन्होंने इंडियन मार्केट्स में इतनी बिकवाली नहीं की थी।

विदेशी निवेशकों ने पहले कभी एक महीने में इतनी बिकवाली नहीं की थी

इससे पहले विदेशी निवेशकों (FIIs) ने कोविड की शुरुआत में इंडियन मार्केट्स में 65,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। इससे ऐसा लगता है कि इंडिया में कंपनियों की घटती प्रॉफिट ग्रोथ के बीच विदेशी निवेशकों का धैर्य टूटने लगा है। शेयरों की हाई वैल्यूएशन भी उन्हें चुभ रही है। लेकिन, एक बड़ा बदलाव हाल के सालों में रिटेल निवेश में दिखा है। इस बार एफआईआई की बिकवाली का इंडियन मार्केट्स पर उतना असर नहीं दिखा है, जितना पहले दिखता है। रिटेल इनवेस्टर्स की खरीदारी इसकी वजह है। रिटेल इनवेस्टर्स म्यूचुअल फंड्स में जमकर निवेश कर रहे हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियां यह पैसा इंडियन स्टॉक मार्केट्स में लगा रही हैं।

घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 89,000 करोड़ की खरीदारी से दिया सहारा

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