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MC Explainer: दुनियाभर के स्टॉक मार्केट्स क्यों क्रैश कर रहे हैं, इनवेस्टर्स को क्या करना चाहिए?

stock market crash: डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ का असर पड़ने का अनुमान था। लेकिन, इसके इतना ज्यादा असर के बारे में किसी ने नहीं सोचा था। 2020 के बाद पहली बार अमेरिकी मार्केट्स में 3 अप्रैल को इतनी बड़ी गिरावट आई है। इंडियन मार्केट्स भी 4 अप्रैल को लगातार दूसरे दिन दबाव में दिख रहे हैं

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Apr 04, 2025 पर 4:41 PM
MC Explainer: दुनियाभर के स्टॉक मार्केट्स क्यों क्रैश कर रहे हैं, इनवेस्टर्स को क्या करना चाहिए?
3 अप्रैल को एसएंडपी500 सूचकांक 4.84 क्रैश कर गया। नैस्डेक 5.97 फीसदी लुढ़का। डाओ जोंस 3.98 फीसदी गिरा।

अमेरिकी स्टॉक मार्केट में 3 अप्रैल को जो हुआ, उसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की होगी। 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ के एलान के बाद अमेरिकी स्टॉक मार्केट क्रैश कर गए। एसएंडपी500 सूचकांक 4.84 क्रैश कर गया। नैस्डेक 5.97 फीसदी लुढ़का। डाओ जोंस 3.98 फीसदी गिरा। ट्रंप के टैरिफ ने अमेरिकी स्टॉक मार्केट्स की हवा निकाल दी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2025 में अब तक नैस्डेक 15 फीसदी गिरा है। ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। तब से अमेरिकी मार्केट में गिरावट जारी है।

अगर इंडियन मार्केट की बात की जाए तो 3 अप्रैल को ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) का इस पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। इंडियन मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक 1 फीसदी से कम गिरावट के साथ बंद हुए। सवाल है कि आखिर ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स में इतनी ज्यादा गिरावट की क्या वजह है? क्या इंडियन मार्केट पर इस गिरावट का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा? निवेशकों को क्या करना चाहिए?

सबसे पहले तो यह समझ लेना जरूरी है कि ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का मकसद यह है कि मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को वापस अमेरिका आने के लिए आकर्षित किया जाए। लेकिन, इसका ग्लोबल मार्केट्स पर खराब असर पड़ रहा है। ट्रंप सरकार ने ट्रेड पॉलिसी में बड़ा बदलाव लाने का प्लान बनाया है। इसका मकसद अमेरिकी ट्रेड डेफिसिट में 50 फीसदी तक कमी लाना है। 2024 में अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट 1.2 लाख करोड़ (ट्रिलियन) डॉलर था।

अमेरिका ने ट्रेड डेफिसिट घटाने के लिए कई उपाय अपनाने का प्लान बनाया है:

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