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Stock picks : PL कैपिटल ने अपने टॉप पिक्स की सूची से इंफोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज को निकाला, जानिए कौन हुए शामिल

Brokerage Report : PL कैपिटल ने अपने कवरेज में शामिल कंपनियों की बिक्री में 5.0 फीसी की बढ़त, EBITDA में 0.5 फीसदी की गिरावट और कर पूर्व मुनाफे में 2.2 फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया है। तेल और गैस को छोड़कर दूसरी कंपनियों के EBITDA में 4.3 फीसदी और कर पूर्व मुनाफे में 5.5 फीसदी की बढ़त होने की उम्मीद है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 15, 2025 पर 6:34 AM
Stock picks : PL कैपिटल ने अपने टॉप पिक्स की सूची से इंफोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज को निकाला, जानिए कौन हुए शामिल
Brokerage Report : PL कैपिटल की राय है कि बैंकिंग सेक्टर को क्रेडिट ग्रोथ और नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर कुछ दबाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके चलते उनको ज्यादा प्रॉविजनिंग करनी पड़ सकती है

Stock markets : अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ पर 90 दिनों के रोक के ऐलान बाद शुक्रवार को शेयर बाजारों में तेज उछाल आया और सेंसेक्स तथा निफ्टी अच्छी बढ़त लेकर बंद हुए। इस बीच 90 दिनों की समय सीमा समाप्त होने से पहले दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इसके चलते बाजार में तेजी का रुझान बना है। इस बीच PL कैपिटल ने अपनी नई इंडिया स्ट्रैटेजी रिपोर्ट जारी की है जिसमें बाजार की दशा और दिशा के विश्लेषण साथ ब्रोकरेज ने अपनी टॉप पिक्स भी दी हैं।

PL कैपिटल ने अपने कवरेज में शामिल कंपनियों की बिक्री में 5.0 फीसी की बढ़त, EBITDA में 0.5 फीसदी की गिरावट और कर पूर्व मुनाफे में 2.2 फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया है। तेल और गैस को छोड़कर दूसरी कंपनियों के EBITDA में 4.3 फीसदी और कर पूर्व मुनाफे में 5.5 फीसदी की बढ़त होने की उम्मीद है। टेलीकॉम, एएमसी, ट्रैवल, ईएमएस, मेटल, हॉस्पिटल, फार्मा और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे सेक्टर के कर पूर्व मुनाफे में बढ़त देखने को मिल सकती है। इसके विपरीत, बैंक, बिल्डिंग मटीरियल, लॉजिस्टिक्स और तेल और गैस कंपनियों के कर पूर्व मुनाफे में गिरावट की उम्मीद है। वहीं,आईटी, कंज्यूमर, सीमेंट और कैपिटल गुड्स में मामूली, सिंगल-डिजिट कर पूर्व मुनाफे की संभावना है।

कमोडिटी कीमतों में उतार-चढ़ाव की संभावना

PL कैपिटल को कमोडिटी कीमतों में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद है, जिसका असर मेटल और तेल एवं गैस जैसे सेक्टरों पर पड़ सकता है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की चाल काफी हद तक कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, एक्साइज ड्यूटी में बदलाव और ईंधन की रिटेल कीमतों पर निर्भर करेगी। दूसरी ओर सीमेंट सेक्टर में निर्माण गतिविधि में तेजी आने और मूल्यों में संभावित बढ़त के कारण ग्रोथ और मुनाफे में सुधार की संभावना है।

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