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आयकर विभाग को Vodafone Idea को लौटाने होंगे 1128 करोड़, बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश; शेयर 3% तक चढ़ा

बेंच ने अपने आदेश में कहा कि वोडाफोन आइडिया के मामले में, आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित कर्तव्यों को निभाने में संबंधित असेसमेंट ऑफिसर की पूर्ण उदासीनता और लापरवाही दिखती है। 9 नवंबर को वोडाफोन आइडिया के शेयर में 2 प्रतिशत तक की तेजी दिख रही है। शेयर सुबह बढ़त के साथ बीएसई पर 13.78 रुपये पर खुला। जल्द ही यह पिछले बंद भाव से 3 प्रतिशत की तेजी के साथ 14 रुपये के हाई पर जा पहुंचा

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Nov 09, 2023 पर 4:10 PM
आयकर विभाग को Vodafone Idea को लौटाने होंगे 1128 करोड़, बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश; शेयर 3% तक चढ़ा
अदालत ने Vodafone Idea की ओर से दायर एक याचिका पर अपना फैसला सुनाया।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने आयकर विभाग (Income Tax Department) को वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vodafone Idea Limited or VIL) को 1128 करोड़ रुपये वापस करने का निर्देश दिया है। यह वह अमाउंट है, जो वोडाफोन आइडिया ने आकलन वर्ष 2016-2017 के लिए टैक्स देनदारी से अधिक टैक्सेज के रूप में भरा था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस साल अगस्त में विभाग द्वारा पास असेसमेंट ऑर्डर समय से बंधा हुआ था और इसलिए इसे कायम नहीं रखा जा सकता। जस्टिस के आर श्रीराम और जस्टिस नीला गोखले की बेंच ने अनिवार्य 30 दिन के अंदर अंतिम आदेश पारित नहीं करने में ढिलाई और सुस्ती दिखाने और इस तरह सरकारी खजाने और जनता को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए असेसमेंट ऑफिसर के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया।

अदालत ने वोडाफोन आइडिया लिमिटेड की ओर से दायर एक याचिका पर अपना फैसला सुनाया। याचिका में दावा किया गया था कि आयकर विभाग, आकलन वर्ष 2016-2017 के लिए VIL की ओर से भुगतान की गई वह राशि वापस करने में विफल रहा, जो कंपनी की आय पर देय वैध टैक्स से अधिक थी।

क्या है पूरा मामला

याचिका के अनुसार, असेसमेंट ऑफिसर ने दिसंबर 2019 में संबंधित आकलन वर्ष से संबंधित एक ड्राफ्ट आदेश पारित किया, जिसके खिलाफ कंपनी ने जनवरी 2020 में विवाद समाधान पैनल (डीआरपी) के समक्ष आपत्तियां दायर कीं। मार्च 2021 में डीआरपी ने कुछ निर्देश जारी किए। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने अपनी याचिका में कहा कि असेसमेंट ऑफिसर को अधिनियम के अनुसार 30 दिनों के भीतर मामले में अंतिम आदेश पारित करना चाहिए था। लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका। इसलिए कंपनी ब्याज सहित रिफंड की हकदार है। कंपनी ने यह भी कहा कि राशि की वापसी के लिए जून 2023 में हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद, असेसमेंट ऑफिसर ने अगस्त में फाइनल असेसमेंट ऑर्डर पारित किया।

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