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टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग PLI स्कीम पड़ी फीकी, 4 साल के अंदर सिर्फ 1997 करोड़ रुपए के इंसेंटिव मिले

42 कंपनियों ने स्कीम में आवेदन किया था। लेकिन 23 कंपनियां ही PLI लेने के लिए योग्य निकली। औसत घरेलू वैल्यू एडिशन सिर्फ 27.8 फीसदी निकला। वहीं, सरकार को 40-50 फीसदी तक वैल्यू एडिशन की उम्मीद थी। सरकार ने 2021 में स्कीम लॉन्च की थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 11, 2025 पर 2:38 PM
टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग PLI स्कीम पड़ी फीकी, 4 साल के अंदर सिर्फ 1997 करोड़ रुपए के इंसेंटिव मिले
कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग को लेकर उत्साहित नहीं हैं। सरकार ने स्कीम के लिए 12,000 करोड़ रुपए का बजट रखा था। 4 साल के अंदर सिर्फ 1997 करोड़ रुपए के इंसेंटिव दिए गए हैं

देश में घरेलू टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाली PLI स्कीम को लेकर कंपनियां उत्साहित नहीं हैं। सरकार ने स्कीम के लिए 12000 करोड़ का बजट रखा था। लेकिन चार साल में मात्र 1997 करोड़ के इंसेंटिव दिए है। इस पर ज्यादा डिटेल्स के साथ सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने बताया कि अब के आंकड़ों के मुताबिक टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग PLI स्कीम फीकी रही है। कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग को लेकर उत्साहित नहीं हैं। सरकार ने स्कीम के लिए 12,000 करोड़ रुपए का बजट रखा था। 4 साल के अंदर सिर्फ 1997 करोड़ रुपए के इंसेंटिव दिए गए हैं।

42 कंपनियों ने स्कीम में आवेदन किया था। लेकिन 23 कंपनियां ही PLI लेने के लिए योग्य निकली। औसत घरेलू वैल्यू एडिशन सिर्फ 27.8 फीसदी निकला। वहीं, सरकार को 40-50 फीसदी तक वैल्यू एडिशन की उम्मीद थी। सरकार ने 2021 में स्कीम लॉन्च की थी।

सरकार को उम्मीद थी कि टेलीकॉम सेक्टर में यह स्कीम लागू होने से अगले 5 वर्षों में इस सेक्टर में 244200 करोड़ रुपये का उत्पादन होगा और देश से 195360 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट हो सकेगा जबकि 40,000 नई नौकरियां सृजित होंगी और सरकार को 17 हजार करोड़ रुपये टैक्स के रुप में प्राप्त होंगे।

बता दें कि देश में सालाना आधार पर 50,000 करोड़ रुपये के टेलीकॉम उपकरणों का इंपोर्ट होता है। कैबिनेट के इस निर्णय का मकसद देश में छोटे और मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने और इंपोर्ट पर होनेवाले इस खर्चे को रोकना है।

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