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बाजार में चुनौतियां और अवसर दोनों, अगले 5 साल में निफ्टी छू सकता है 50000 का स्तर - रामदेव अग्रवाल

MOFSL के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने कहा कि बाजार में निवेशित रहने पर ही पैसा बनता है। फेस्टिव सीजन के बाद अर्निंग ग्रोथ में तेजी संभव है। प्रोमोटर की बिकवाली से घबराना नहीं चाहिए। FIIs को भारतीय ग्रोथ स्टोरी पसंद। FIIs भारत में निवेश के मौके देख रहे हैं। डिफेंस थीम पर लंबी अवधि के लिए पॉजिटिव है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Jul 09, 2025 पर 12:57 PM
बाजार में चुनौतियां और अवसर दोनों, अगले 5 साल में निफ्टी छू सकता है 50000 का स्तर - रामदेव अग्रवाल
रामदेव ने कहा कि 2-4 महीने में टैरिफ की तस्वीर साफ होगी। टैरिफ पर कई तरह की बातें चल रही हैं। अमेरिका में चीजें महंगी हो सकती हैं। हमारे कंपटीटर देशों पर ज्यादा टैरिफ से भारत को फायदा होगा

US के साथ ट्रेड डील से पहले बाजार शांत दिख रहा है। आज लगातार आठवें सेशन में ठंडा कारोबार देखने को मिल रहा है। निफ्टी 25500 के नीचे कारोबार कर रहा है। आज मेटल और IT दबाव बना रहे हैं। लेकिन FMCG शेयर आउटपरफॉर्म कर रहे हैं। ट्रंप की 200 फीसदी टैरिफ की धमकी के बावजूद फार्मा शेयरों की सेहत दुरुस्त है। ल्यूपिन, BIOCON, LAURUS LABS पूरे सेक्टर की तेजी को लीड कर रहे हैं। अरविंदो, सिप्ला जैसे दिग्गज भी मजबूत नजर आ रहे हैं। डिफेंस शेयरों में आज अच्छी खरीदारी नजर आ रही है। निफ्टी डिफेंस इंडेक्स करीब एक फीसदी मजबूत नजर आ रहा है। गार्डन रीच करीब 5 फीसदी भागा है। कोचिन शिपयार्ड, BEML और EIL में भी अच्छी तेजी है।

डिफेंस थीम पर लंबी अवधि के लिए पॉजिटिव

ऐसे में बाजार की आगे की दशा और दिशा पर बात करते हुए MOFSL के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने कहा कि बाजार में निवेशित रहने पर ही पैसा बनता है। फेस्टिव सीजन के बाद अर्निंग ग्रोथ में तेजी संभव है। प्रोमोटर की बिकवाली से घबराना नहीं चाहिए। FIIs को भारतीय ग्रोथ स्टोरी पसंद। FIIs भारत में निवेश के मौके देख रहे हैं। डिफेंस थीम पर लंबी अवधि के लिए पॉजिटिव है।

पैसा निवेशित रहने पर ही बनता है

रामदेव अग्रवाल की राय है कि पैसा निवेशित रहने पर ही बनता है। वायदा के सौदे को लोग कैश में कवर करते हैं। वायदा के घाटे के साथ कैश का फायदा भी देखना चाहिए। सेबी की स्टडी में सिर्फ वायदा को कवर किया गया है। ये सही है कि वायदा में बड़े तबके को घाटा हुआ है। वायदा और कैश दोनों के घाटे और फायदे का अध्ययन करना चाहिए। वायदा में एल्गो, AI जैसी नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। छोटे शहरों के ट्रेडर्स की नई तकनीक तक पहुंच नहीं।

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