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अभी आपकी स्ट्रेटेजी क्या होनी चाहिए? तेजी लौटने का इंतजार करना चाहिए या गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए?

स्टॉक मार्केट पर दबाव जल्द खत्म होता नहीं दिख रहा। हालांकि, कुछ देशी और विदेशी खबरों का मार्केट पर पॉजिटिव असर दिख सकता है। कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ के रफ्तार पकड़ने में थोड़ा समय लगेगा। लेकिन, इंडिया की ग्रोथ स्टोरी को लेकर किसी तरह का संदेह नहीं है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 21, 2024 पर 1:15 PM
अभी आपकी स्ट्रेटेजी क्या होनी चाहिए? तेजी लौटने का इंतजार करना चाहिए या गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए?
सितंबर तिमाही में कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ कमजोर रही। निफ्टी कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ साल दर साल आधार पर सिर्फ 4 फीसदी रही।

मार्केट के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी सितंबर के अपने ऑल-टाइम हाई से 10 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं। पिछले डेढ़ महीने से जारी गिरावट का असर रिटेल इनवेस्टर्स के सेंटीमेंट पर पड़ा है। हालांकि, अगर महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल के मुताबिक रहते हैं तो इसका स्टॉक मार्केट्स पर पॉजिटिव असर दिख सकता है। इस बीच, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत का पॉजिटिव असर भी मार्केट्स पर पड़ने के आसार हैं। सवाल है कि क्या इनवेस्टर्स को सस्ते भाव पर खरीदारी करनी चाहिए? या अभी इंतजार करना चाहिए, क्योंकि मार्केट में गिरावट बढ़ सकती है?

लगातार दूसरी तिमाही अर्निंग्स ग्रोथ में कमजोरी

सितंबर तिमाही में कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ (Earnings Growth) कमजोर रही। निफ्टी कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ साल दर साल आधार पर सिर्फ 4 फीसदी रही। यह लगातार दूसरी तिमाही है, जब कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ कमजोर रही है। शहरी इलाकों में कंजम्प्शन सुस्त रही। उधर, माइक्रो-फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस के बिजनेस पर दबाव देखन को मिला। अनसेक्योर्ड रिटेल लोन में स्लिपेज बढ़ा। हालांकि, कई बैंकों की डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ अच्छी रही। कैपिटल मार्केट्स से जुड़ी कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा रहा।

अमेरिकी स्टॉक मार्केट्स के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

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