Get App

US HIRE Bill के निशाने पर 250 अरब डॉलर की इंडियन आईटी इंडस्ट्री, क्या है इस बिल को पेश करने का मकसद?

US HIRE Bill: इस बिल का मकसद अमेरिकी कंपनियों को सर्विसेज आउटसोर्स करने से रोकना है। इससे अमेरिकी कंपनियां विदेशी लोगों की जगह अमेरिकी कंपनियों से काम कराने को मजबूर होंगी। इससे अमेरिकी लोगों के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे। विदेशी एंप्लॉयज पर अमेरिकी कंपनियों की निर्भरता घटेगी

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 10, 2025 पर 3:05 PM
US HIRE Bill के निशाने पर 250 अरब डॉलर की इंडियन आईटी इंडस्ट्री, क्या है इस बिल को पेश करने का मकसद?
हायर बिल अभी सीनेट में पेश हुआ है। चूंकि इस बिल में नया टैक्स लगाने का प्रस्ताव है, जिससे अमेरिकी संसद के दोनों सदनों से इसका पारित होना जरूरी है।

अमेरिकी संसद में इस महीने की शुरुआत में पेश एक नए बिल की सबसे ज्यादा चर्चा इंडिया में हो रही है। इसकी वजह यह है कि इस बिल के निशाने पर 250 अरब डॉलर की इंडियन आईटी इंडस्ट्री है। इस बिल का सीधा असर टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक जैसी दिग्गज इंडियन आईटी कंपनियों पर पड़ेगा। इन कंपनियों की बदौलत इंडियन आईटी इंडस्ट्री की पिछले दो दशक से ज्यादा समय से दुनिया में धाक रही है। इंडिया से सर्विसेज के एक्सपोर्ट में इन कंपनियों इन कंपनियों का बड़ा हाथ रहा है। इधर, इंडिया में मिडिल क्लास के लाखों लोगों का जीवन सुखमय बनाने में इंडियन आईटी कंपनियों की बड़ी भूमिका रही है। अगर अमेरिका का यह नया बिल लागू होता है तो इससे इंडियन आईटी इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगेगा।

यूस कंपनियों को आउटसोर्सिंग से रोकना इस बिल का मकसद

इंडियन आईटी कंपनियों का करीब आधा से ज्यादा रेवेन्यू अमेरिका से आता है। हाल्टिंग इंटरनेशनल रिलोकेशन ऑफ एंप्लॉयमेंट (HIRE) बिल के लागू होने पर उन अमेरिकी कंपनियों पर बड़ी पेनाल्टी लगेगी जो ऐसी सर्विसेज आउटसोर्स करती हैं यानी विदेशी कंपनियों से कराती हैं, जिनका इस्तेमाल अमेरिका में होता है। दरअसल, इस बिल का मकसद अमेरिकी कंपनियों को सर्विसेज आउटसोर्स करने से रोकना है। इससे अमेरिकी कंपनियां विदेशी लोगों की जगह अमेरिकी कंपनियों से काम कराने को मजबूर होंगी। इससे अमेरिकी लोगों के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे। विदेशी एंप्लॉयज पर अमेरिकी कंपनियों की निर्भरता घटेगी।

आउटसोर्सिंग रोकने के लिए हायर बिल में कुल तीन उपाय 

सब समाचार

+ और भी पढ़ें