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Voda Idea Share Price: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 12% टूटा शेयर, ब्रोकरेज ने एक और स्टॉक पर बताया खतरा

Voda Idea Share Price: अस्तित्व के संकट से जूझ रही दिग्गज टेलीकॉम कंपनी वोडा आइडिया के शेयरों में आज बिकवाली की तगड़ी आंधी चली। तेज मुनाफावसूली का यह दबाव सुप्रीम कोर्ट के एक लिखित आदेश पर आया जिससे निवेशक धड़ाधड़ शेयर बेचने लगे। जानिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में किया कहा है जिससे निवेशक घबरा उठे और पूरा मामला क्या है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Oct 30, 2025 पर 4:15 PM
Voda Idea Share Price: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 12% टूटा शेयर, ब्रोकरेज ने एक और स्टॉक पर बताया खतरा
Voda Idea Share Price: सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त एजीआर (एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू) से जुड़ी वोडा आइडिया की याचिका पर लिखिति आदेश सुनाया तो इसके शेयर धड़ाम हो गया।

Voda Idea Share Price: सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त एजीआर (एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू) से जुड़ी वोडा आइडिया की याचिका पर लिखिति आदेश सुनाया तो इसके शेयर धड़ाम हो गया। कुछ दिनों पहले पॉजिटिव आउटकम की उम्मीदों पर एक अरसे बाद इसका शेयर ₹10 के पार गया था लेकिन अब यह ₹9 के भी नीचे है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसके शेयर आज 12% से अधिक टूट गए। निचले स्तर पर खरीदारी के बावजूद शेयर संभल नहीं पाया और अब भी यह काफी दबाव में है। आज बीएसई पर यह 6.83% की गिरावट के साथ ₹8.73 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 12.38% फिसलकर ₹8.21 के भाव तक आ गया था। कुछ दिनों पहले 27 अक्टूबर को यह ₹10 के पार ₹10.57 तक गया था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। 14 अगस्त 2025 को यह एक साल के निचले स्तर ₹6.12 पर था।

Voda Idea की याचिका पर क्या आदेश दिया है सुप्रीम कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 27 अक्टूबर को केंद्र सरकार को वोडाफोन फोन की एजीआर बकाए को लेकर फिर से विचार करने की मंजूरी दी थी, जिससे शेयर चहक उठे थे। हालांकि अब आज गुरुवार 30 अक्टूबर को कोर्ट के लिखित आदेश में सामने आया कि विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों के चलते यह आदेश सिर्फ वोडा आइडिया से जुड़ा है और याचिका सिर्फ ₹9,450 करोड़ की अतिरिक्त एजीआर मांग तक ही सीमित है। आदेश में वोडा आइडिया की पिछली याचिका का जिक्र नहीं है जिसमें जुर्माना ब्याज और बकाया के ब्याज पर पेनाल्टी माफ करने की मांग की गई थी। इससे स्पष्ट होता है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ अतिरिक्त राशि के फिर से मूल्यांकन की बात कही थी।

क्या कहना है ब्रोकरेज फर्म का?

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