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GDP, जीएसटी कटौती, इनकम टैक्स छूट... फिर भी क्यों नहीं दौड़ रहा शेयर बाजार? ये हैं असली कारण

शेयर बाजार पिछले कुछ समय से लगातार 'अच्छी खबरों' को नजरअंदाज कर रहा। फिर चाहे वो RBI की ओर से ब्याज दरों में कटौती की बात हो या फिर जीएसटी दरों में कटौती का ऐलान। शेयर बाजार की चाल एक सीमित दायरे में बनी हुई है। ऐसे में यह सवाल बनता है कि आखिर इन अच्छे खबरों के बावजूद शेयर बाजार में उछाल क्यों नहीं आ रही है? आइए इस पांच कारणों से समझते हैं

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Sep 08, 2025 पर 3:23 PM
GDP, जीएसटी कटौती, इनकम टैक्स छूट... फिर भी क्यों नहीं दौड़ रहा शेयर बाजार? ये हैं असली कारण
Share Markets: शेयर बाजार के ऊपर नहीं जाने के पीछे एक बड़ा रीजन विदेशी निवेशकों को भी माना जा रहा है

Share Markets: जीएसटी काउंसिल ने पिछले हफ्ते 3 सितंबर को बड़ा कदम उठाते हुए 12% और 28% के टैक्स स्लैब्स को खत्म करने की मंजूरी दी। इसकी जगह नए जीएसटी स्ट्रक्चर में अब सिर्फ 5% और 18% की दो मुख्य दरें होगी। इसके चलते कार से लेकर AC तक और बिस्किट से लेकर दूध तक सैंकडों उत्पादों पर इनडायरेक्ट टैक्स का बोझ कम हो गया। जीएसटी काउंसिल के इस ऐलान के बाद सोशल मीडिया और बिजनेस चैनलों पर तमाम फंड मैनेजरों और मार्केट एक्सपर्ट्स ने दावा किया कि इस कदम से शेयर बाजार में तेजी आ सकती है। लेकिन हकीकत में शेयर बाजार की लगभग सपाट रही।

यह पहला मामला नहीं है। इस पूरे साल शेयर बाजार ने लगातार ऐसी 'अच्छी खबरों' को नजरअंदाज किया है। फिर चाहे वो RBI की ओर से ब्याज दरों में कटौती की बात हो या फिर देश की जीडीपी आंकड़े के सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए 7.8 फीसदी तक पहुंचने की बात। इसके अलावा सरकार ने इस वित्त वर्ष में इनकम टैक्स में छूट को भी बढ़ाकर 12 लाख कर दिया है। ऐसे में यह सवाल बनता है कि आखिर इन अच्छे खबरों के बावजूद शेयर बाजार में उछाल क्यों नहीं आ रही है? मार्केट क्यों एक सीमित दायरे में ठहरा हुआ है? आइए इस पांच कारणों से समझते हैं-

1. उधार लेने की रफ्तार धीमी

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल अब तक रेपो रेट में करीब 1 प्रतिशत की कटौती है। हालांकि इसके बावजूद बैंकों की लोन ग्रोथ अभी भी धीमी बनी हुई है। इसका मतलब है कि कंपनियां और लोग अभी उधार लेने या नए निवेश करने से कतरा रहे हैं। जब निवेश और कंज्पम्शन धीमी पड़ती है, तो कंपनियों की बिक्री भी प्रभावित होती है और इसका असर शेयर बाजार पर साफ दिखता है।

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