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क्या शेयर बाजार जल्द करेगा वापसी? एक्सपर्ट्स इन कारणों से भारत पर जता रहे हैं भरोसा

शेयर बाजार में सोमवार 7 अप्रैल को आई भारी गिरावट ने निवेशकों को डरा दिया है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों शुरुआती कारोबार में 5% तक टूट गए। ग्लोबल मार्केट्स में भी कुछ ऐसी ही तबाही देखने को मिली। अमेरिका से लेकर चीन और जापान तक, सभी जगहों के शेयर मार्केट भारी नुकसान में कारोबार कर रहे हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में भी मार्केट में कोई तेज उछाल आने की संभावना कम है

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Apr 07, 2025 पर 2:07 PM
क्या शेयर बाजार जल्द करेगा वापसी? एक्सपर्ट्स इन कारणों से भारत पर जता रहे हैं भरोसा
Stock Markets: एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत काफी हद तक अमेरिकी टैरिफ के सीधे असर से सुरक्षित है

शेयर बाजार में सोमवार 7 अप्रैल को आई भारी गिरावट ने निवेशकों को डरा दिया है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों शुरुआती कारोबार में 5% तक टूट गए। ग्लोबल मार्केट्स में भी कुछ ऐसी ही तबाही देखने को मिली। अमेरिका से लेकर चीन और जापान तक, सभी जगहों के शेयर मार्केट भारी नुकसान में कारोबार कर रहे हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में भी मार्केट में कोई तेज उछाल आने की संभावना कम है। दिग्गज मार्केट एक्सपर्ट्स- अरविंद सेंगर और मैट ऑर्टन ने कहा कि बाजार में तेज रिकवरी की उम्मीद करना गलत होगा।

जियोस्फीयर कैपिटल मैनेजमेंट के अरविंद सेंगर का कहना है कि बाजार की मौजूदा स्थिति में सुधार आने से पहले हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, “मैं बहुत आशावादी नहीं हूं।” उन्होंने ये भी जोड़ा कि वियतनाम जैसे छोटे देश तो टैरिफ कम करने को तैयार हो सकते हैं, लेकिन असली जोखिम इस बात पर है कि बड़ी इकोनॉमी वाले देश किस तरह से प्रतिक्रिया करते हैं। सेंगर ने कहा कि अगर चीन या यूरोपीय यूनियन जैसे बड़े देश जवाबी कार्रवाई करते हैं, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

सेंगर ने साफ कहा कि उन्हें अमेरिका की तरफ से उसकी पॉलिसी में किसी तरह के बदलाव या नरमी के संकेत फिलहाल नहीं दिख रहे हैं।

रेमंड जेम्स के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट मैट ऑर्टन ने भी कुछ इसी तरह की चेतावनी दी है, लेकिन उनका रुख थोड़ा पॉजिटिव है। मैट ऑर्टन ने कहा कि टैरिफ पॉलिसी को लेकर अभी हमें किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए, बल्कि हालात आगे अभी और बदल सकते हैं। उन्होंने कहा, “यह इस कहानी का आखिरी पड़ाव नहीं है। टैरिफ अभी भी किसी भी दिशा में जा सकते हैं। तनाव बढ़ने पर ये बढ़ भी सकते हैं या फिर अगर कुछ देशों के साथ बातचीत सफल हुई, तो घट भी सकते हैं।”

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