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Yes Bank Saga: कभी शेयरहोल्डर्स को दिया था भर-भर कर रिटर्न, ₹400 का शेयर कैसे बना हीरो से जीरो

Yes Bank Story: यस बैंक ने कई साल निवेशकों को लगातार बेहतर रिटर्न दिया। शेयर बाजार में जुलाई 2005 में लिस्ट होने के बाद शेयर का भाव 12.37 रुपये से 3100 प्रतिशत बढ़कर 20 अगस्त 2018 को 404 रुपये पर पहुंच गया था। 14 जून 2024 को यस बैंक के शेयर की कीमत बीएसई पर 23.82 रुपये पर क्लोज हुई। एक नजर इस बैंक की कामयाबी से लेकर बर्बादी और फिर खड़े होने के संघर्ष पर...

Ritika Singhअपडेटेड Jun 17, 2024 पर 11:00 PM
Yes Bank Saga: कभी शेयरहोल्डर्स को दिया था भर-भर कर रिटर्न, ₹400 का शेयर कैसे बना हीरो से जीरो
डूबने की कगार पर पहुंच जाने और कई ग्राहकों का भरोसा खोने के बाद Yes Bank अपने आप को फिर से खड़ा करने की कोशिशों में लगातार जुटा हुआ है।

Yes Bank Saga: एक वक्त था जब भारत के बैंकिंग सेक्टर में यस बैंक (Yes Bank) का नाम ऊंचाइयों पर हुआ करता था। शेयर की कीमत कभी 400 रुपये पर पहुंच चुकी थी। शुरू होने के 15 वर्षों के अंदर ही यह भारत का चौथा सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर बैंक बन गया। लेकिन आज यस बैंक अर्श से फर्श पर आ चुका है। शेयर की कीमत 50 रुपये भी नहीं रही है। डूबने की कगार पर पहुंच जाने और कई ग्राहकों का भरोसा खोने के बाद यह बैंक अपने आप को फिर से खड़ा करने की कोशिशों में लगातार जुटा हुआ है। आखिर ऐसा क्या हुआ था कि जो बैंक यस बैंक सफलता के अर्श पर था, वह अचानक से औंधे मुंह फर्श पर आ गिरा। आइए डालते हैं एक नजर इस बैंक की कामयाबी से लेकर बर्बादी और फिर खड़े होने के संघर्ष पर...

साल 1999 में पड़ी नींव

यस बैंक को नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कॉरपोरेशन (NBFC) के तौर पर साल 1999 में शुरू किया गया था। नीदरलैंड के रैबो बैंक के साथ मिलकर इसे शुरू करने वाले थे अशोक कपूर, राणा कपूर और हरकीरत सिंह। इसके बाद 2003 में यस बैंक को RBI से बैंकिग लाइसेंस मिला। दायचे बैंक के पूर्व कंट्री हेड हरकीरत सिंह ने 2003 में ही यस बैंक का साथ छोड़ दिया। उसके बाद अशोक कपूर चेयरमैन और राणा कपूर मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ बने। यस बैंक ने प्राइवेट सेक्टर बैंक के तौर पर शुरुआत साल 2004 में की। 2005 में इसका IPO आया, जो 300 करोड़ का रहा।

2005 में राणा कपूर को एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर और 2009 में बैंक को 30000 करोड़ रुपये की बैलेंस शीट के साथ सबसे तेज ग्रोथ का अवॉर्ड मिला। 2015 में यस बैंक की लिस्टिंग NSE पर हुई और 2017 में QIP के जरिए 4906.68 करोड़ रुपये जुटाए गए।

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