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Yes Bank Shares: CA Basque ने बेच दी अपनी 2.62% हिस्सेदारी, अब यस बैंक के इस काम से रहेगा दूर

Yes Bank Shares: प्राइवेट सेक्टर लेंडर यस बैंक के शेयरों में आज तेज हलचल दिख सकती है क्योंकि कार्लील ग्रुप (Carlyle Group) की स्पेशल पर्पज वेईकल सीए बास्क इंवेस्टमेंट्स ने इसमें अपनी हिस्सेदारी हल्की की है। बैंक ने इसकी जानकारी 4 जून को एक्सचेंज फाइलिंग में दी। चेक करें कि इस बिकवाली से क्या बदल गया है और अब सीए बास्क की कितनी होल्डिंग है?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jun 05, 2025 पर 7:48 AM
Yes Bank Shares: CA Basque ने बेच दी अपनी 2.62% हिस्सेदारी, अब यस बैंक के इस काम से रहेगा दूर
Yes Bank Shares:कार्लील ग्रुप की स्पेशल पर्पज वेईकल सीए बास्क इंवेस्टमेंट्स (CA Basque Investments) ने प्राइवेट सेक्टर लेंडर यस बैंक में अपनी 2.62% हिस्सेदारी बेच दी है। इस बिक्री के बाद अब बैंक मे मॉरीशस में स्थित सीए बास्क की हिस्सेदारी 4.22% रह गई है।

Yes Bank Shares: कार्लील ग्रुप की स्पेशल पर्पज वेईकल सीए बास्क इंवेस्टमेंट्स (CA Basque Investments) ने प्राइवेट सेक्टर लेंडर यस बैंक में अपनी 2.62% हिस्सेदारी बेच दी है। इस बिक्री के बाद अब बैंक मे मॉरीशस में स्थित सीए बास्क की हिस्सेदारी 4.22% रह गई है। हालांकि खास बात ये है कि इस बिक्री के चलते 29 जुलाई, 2022 को बैंक के साथ निवेश समझौते की शर्तों के मुताबिक सीए बास्क के पास बोर्ड में नॉमिनेशन के राइट्स के लिए जरूरी मिनिमम होल्डिंग नहीं रह गई है। समझौते की शर्तों के मुताबिक अब सीए बास्क बैंक के बोर्ड में डायरेक्टर नहीं रख सकता है। इसका आज शेयरों की चाल पर असर दिख सकता है।

₹16000 करोड़ जुटाने की कोशिश में Yes Bank

सीए बास्क की बिकवाली के अलावा बैंक में और भी अहम कॉरपोरेट एक्टिविटी हुई है। कुछ दिनों पहले बैंक के बोर्ड ने इक्विटी और डेट के जरिए ₹16,000 करोड़ जुटाने की मंजूरी दी थी। इसमें इक्विटी सिक्योरिटीज के जरिए अधिकतम ₹7500 करोड़ तक का ही फंड जुटाने की मंजूरी मिली है और वह भी इस तरह से कि इस पूरी प्रक्रिया में बैंक की कुल हिस्सेदारी में 10% से अधिक का डाल्यूशन नहीं होगा और इसमें कंवर्टिबल डिबेंचर से हुआ डाल्यूशन भी ₹8500 करोड़ तक का फंड जुटाने की मंजूरी मिली है और इसमें अधिकतम 10% डाल्यूशन की सीमा रखी गई है। इसके अलावा एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक बोर्ड ने बैंक के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (AoA) में बदलाव को भी मंजूरी दी है जिसके तहत एसएमबीसी को बोर्ड में दो और एसबीआई को एक नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर और नॉन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नॉमिनेट करने का अधिकार होगा जो आरबीआई और शेयरहोल्डर्स की मंजूरी के अधीन होगा।

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