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NSE के सर्कुलर से परेशान Zerodha, ट्रेडर्स और निवेशकों को भी लगा करारा झटका

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक ऐसा सर्कुलर जारी किया है जिससे न सिर्फ जीरोधा (Zerodha) जैसे ब्रोकरेज फर्म परेशान हैं, बल्कि इसका झटका स्टॉक मार्केट के निवेशकों को भी लग सकता है। जीरोधा के को-फाउंडर ने बुधवार को कहा कि एनएसई के सर्कुलर के चलते उसे अपना रेफरल प्रोग्राम बंद करना पड़ेगा। एनएसई ने यह सर्कुलर पिछले हफ्ते जारी किया था

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 22, 2024 पर 8:51 AM
NSE के सर्कुलर से परेशान Zerodha, ट्रेडर्स और निवेशकों को भी लगा करारा झटका
एनएसई ने पिछले हफ्ते एक सर्कुलर जारी किया। इसमें रेफरल में ब्रोकरेज रेवेन्यू साझा करने से रोक दिया है। हालांकि अगर इंडिविजुअल एक्सचेंजों के पास रजिस्टर्ड है तो उसे रेफरल इंसेंटिव मिल सकता है। इसे लेकर जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने कहा कि ब्रोकिंग बिजनेस को झटका लगेगा।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक ऐसा सर्कुलर जारी किया है जिससे न सिर्फ जीरोधा (Zerodha) जैसे ब्रोकरेज फर्म परेशान हैं, बल्कि इसका झटका स्टॉक मार्केट के निवेशकों को भी लग सकता है। जीरोधा के को-फाउंडर ने बुधवार को कहा कि एनएसई के सर्कुलर के चलते उसे अपना रेफरल प्रोग्राम बंद करना पड़ेगा। वहीं यह ट्रेडर्स और निवेशकों के लिए अतिरिक्त कमाई का तरीका था, जिससे उन्हें भी झटका लगेगा। एनएसई ने यह सर्कुलर पिछले हफ्ते जारी किया था जिसके तहत ब्रोकरेजेज फर्मों को रेफरल के लिए अपना रेवेन्यू साझा करने से रोक दिया गया है।

Zerodha यूजर्स को लगा झटका

एनएसई ने पिछले हफ्ते एक सर्कुलर जारी किया। इसमें रेफरल में ब्रोकरेज रेवेन्यू साझा करने से रोक दिया है। हालांकि अगर इंडिविजुअल एक्सचेंजों के पास रजिस्टर्ड है तो उसे रेफरल इंसेंटिव मिल सकता है। इसे लेकर जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने ट्वीट के जरिए कहा कि ब्रोकिंग बिजनेस को झटका लगेगा। इस सर्कुलर के चलते अब जीरोधा ने अपने रेफरल प्रोग्राम को बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अकाउंट रेफर करने पर जो 300 रिवार्ड प्वाइंट्स मिलते हैं, पह जारी रहेगा। इस रिवार्ड प्वाइंट्स को एएमसी या स्मॉलकेस, टिकरटेप, तिजोरी, एमप्रॉफिट और क्विको के लिए रिडीम कर सकते हैं।

NSE ने क्यों लिया ऐसा फैसला?

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