महाकुंभ मेले से पहले हिंदू साधु गंगा के किनारे अपने शिविरों के लिए जगहों का निरीक्षण कर रहे हैं। ये शिविर साधुओं की धर्मिक गतिविधियों और प्रवचनों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।(image source: social media)
प्रयागराज में महाकुंभ मेला स्थल पर अस्थायी सड़कें बनाई जा रही हैं। जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में कोई परेशानी न हो। मजदूर गंगा नदी के किनारे धातु की चादरें बिछा रहे हैं, जो आने-जाने में सुविधा प्रदान करेंगी। (image source: social media)
महाकुंभ मेला के दौरान गंगा नदी में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अधिकारी रिमोट कंट्रोल लाइफबॉय का परीक्षण कर रहे हैं। यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।(image source: social media)
महाकुंभ मेला के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छता का ध्यान रखा जा रहा है। गंगा नदी के किनारे पोर्टेबल टॉयलेट्स लगाए जा रहे हैं। यह व्यवस्थाएं मेले में आने वाले लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही हैं। (image source: social media)
गंगा नदी पर फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं, जो महाकुंभ मेले के दौरान गंगा स्नान और अन्य धार्मिक कामों के लिए आवश्यक होंगे। यह प्लेटफॉर्म इंटरलॉकिंग प्लास्टिक क्यूब्स से बने हैं, जो जल स्तर के साथ तैर सकते हैं।(image source: social media)
महाकुंभ मेला में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए हर सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। गंगा नदी पर अस्थायी जेटी, सड़कें और अन्य सुविधाएं बनाई जा रही हैं, ताकि श्रद्धालु आसानी से आ-जा सकें और उनका अनुभव अच्छा हो।(image source: social media)
यहां साधु-संतों और श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए से टेंट सिटी बसाई गई है। जिसमें लग्जरी कमरों के रेट 16,100 रुपये से शुरू होते हैं, जबकि सिंगल और डबल ऑक्यूपेंसी के रेट 10,500 से 30,000 रुपये तक होते हैं। अतिरिक्त बिस्तर के लिए 4,200 से 10,500 रुपये तक खर्च हो सकते हैं।(image source: social media)