सेब के सिरके का पानी
सेब का सिरका यानी ऐप्पल साइडर विनेगर इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने में मदद करता है। इसे 1–2 चम्मच पानी में मिलाकर खाने से पहले या रात को सोने से पहले पिया जा सकता है। ध्यान रखें इसे हमेशा पानी में मिलाकर ही पिएं, ताकि पेट और दांतों पर असर न पड़े।
ग्रीन टी
ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। बिना चीनी के ग्रीन टी पीना इंसुलिन को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। इसे सुबह खाली पेट पीना फायदेमंद हो सकता है।
ब्लैक कॉफी
ब्लैक कॉफी मेटाबॉलिज्म को तेज करती है और इंसुलिन रिस्पॉन्स सुधारती है। लेकिन इसे खाली पेट ज्यादा मात्रा में न पिएं, क्योंकि इससे कॉर्टिसोल लेवल बढ़ सकता है जो शुगर में उतार-चढ़ाव ला सकता है।
वेजिटेबल स्मूदी
हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक या केल, थोड़े से फल और ग्रीक योगर्ट से बनी वेजिटेबल स्मूदी में फाइबर और प्रोटीन होता है, जो ब्लड शुगर को स्थिर रखता है। ये पोषण से भरपूर विकल्प है।
दालचीनी की चाय
दालचीनी शरीर में इंसुलिन जैसा काम करती है। इसे उबालकर या पाउडर के रूप में चाय बनाकर पीने से खाने के बाद शुगर स्पाइक्स कम हो सकते हैं। इसे खाने से पहले पीना असरदार होता है।
नींबू पानी
नींबू में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स शुगर कंट्रोल में मदद करते हैं। दिन में 2–3 बार नींबू पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है और इंसुलिन बेहतर काम करता है।
ऐलोवेरा जूस
ऐलोवेरा शरीर की सूजन को कम करता है और अग्न्याशय की सेहत सुधारता है, जिससे इंसुलिन का उत्पादन बेहतर होता है। सुबह 30–50 ml ऐलोवेरा जूस पानी में मिलाकर पिएं। बिना चीनी वाले जूस को ही चुनें।
मेथी पानी
रातभर भीगी हुई मेथी के बीज का पानी सुबह पीने से शुगर अब्सॉर्प्शन धीमा होता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है। इसमें घुलनशील फाइबर भी होता है जो डायबिटीज के लिए फायदेमंद माना जाता है।
साधारण पानी
सुबह उठते ही 2–3 गिलास सादा पानी पीना किडनी को एक्टिव करता है और शरीर से एक्स्ट्रा ग्लूकोज को बाहर निकालने में मदद करता है। ये सबसे आसान और असरदार तरीका है ब्लड शुगर कंट्रोल का।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।