बारिश का मौसम भले ही खुशनुमा लगे, लेकिन यही मौसम शरीर के लिए खतरे की घंटी भी बन सकता है। बारिश की वजह से वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरिया और वायरस तेजी से फैलते हैं। इस दौरान मलेरिया, डेंगू, स्किन एलर्जी और वायरल इंफेक्शन जैसी बीमारियां आम हो जाती हैं। ऐसे में सतर्क रहना बेहद जरूरी है। Photo Credit: Canva
डेंगू-मलेरिया का बढ़ता खतरा
मॉनसून के आते ही जगह-जगह जमा पानी मच्छरों की ब्रीडिंग का गढ़ बन जाता है। गमलों, कूलरों, छतों और पुराने टायरों में रुका पानी डेंगू और मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को जन्म देता है। इन बीमारियों के लक्षणों में अचानक तेज बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द शामिल हैं, जिनका समय रहते इलाज जरूरी होता है। Photo Credit: Canva
टाइफाइड और दूषित पानी का कनेक्शन
बारिश के दिनों में नलों और टैंकों का पानी अकसर दूषित हो जाता है, खासकर जब बरसात का पानी सीवेज से मिल जाता है। इससे टाइफाइड फैलाने वाले बैक्टीरिया Salmonella Typhi शरीर में पहुंच जाते हैं। इसके लक्षणों में लगातार बुखार, थकावट, पेट दर्द और भूख न लगना शामिल है। Photo Credit: Canva
वायरल बुखार और फ्लू भी बना सकते हैं परेशान
मानसून में तापमान के उतार-चढ़ाव से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है, जिससे वायरल फीवर, सर्दी और खांसी जैसी समस्याएं सामने आती हैं। मौसम में अचानक बदलाव के चलते फ्लू का खतरा सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों को होता है। Photo Credit: Canva
लेप्टोस्पायरोसिस: बारिश में छिपा अदृश्य खतरा
कई बार लोग गंदे पानी में बिना सुरक्षा के चले जाते हैं। अगर यह पानी जानवरों के मूत्र से संक्रमित होता है, तो लेप्टोस्पायरोसिस नामक बीमारी हो सकती है। यह बैक्टीरिया त्वचा पर मौजूद कट या घाव से शरीर में प्रवेश कर जाता है, जिससे बुखार, मांसपेशियों में दर्द और किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। Photo Credit: Canva
पेट की बीमारियां और खुले खाने से संक्रमण
बारिश में खुले या गंदे स्थान पर रखा खाना जल्दी खराब हो जाता है। सड़क किनारे मिलने वाले खाद्य पदार्थ जैसे चाट, पानीपुरी, कटे फल आदि में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। इससे डायरिया, उल्टी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। Photo Credit: Canva
फंगल इन्फेक्शन और स्किन एलर्जी से रहें सावधान
बारिश के समय गीले कपड़े पहनना, नमी वाली जगहों पर रहना या भीगने के बाद त्वचा की सफाई न रखना — ये सब स्किन इंफेक्शन को न्योता देते हैं। फंगल इन्फेक्शन, खुजली और रैशेज जैसे लक्षण आम हो जाते हैं। सूखे, साफ कपड़े पहनना और रोजाना नहाना स्किन प्रॉब्लम्स से बचाव में मदद करता है। Photo Credit: Canva
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।