आज खुश तो बहुत होगे तुम (फिल्म- दीवार, 1975)
डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है (फिल्म- डॉन, 1978)
हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है (फिल्म- कालिया, 1981)
रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह (फिल्म- शहंशाह, 1988)
मुझे जो सही लगता है, मैं करता हूं… फिर चाहे वो भगवान के खिलाफ हो, कानून के खिलाफ हो या पूरे सिस्टम के खिलाफ! (फिल्म- सरकार, 2005)
हमारे यहां घडी की सुई कैरेक्टर तय करता है (फिल्म- पिंक, 2016)