Rangoli Design: होली जैसे रंगों के बिना अधूरी है ठीक उसी तरह दिवाली बिना रंगोली अधूरी रहती है तो चुन लीजिए अपना मनपसंद डिजाइन।
Rangoli Design: रंगोली के डिजाइन में अलग-अलग थीम का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें फूलों और रंगों से बनी रंगोली शामिल है। आज हम जो रंगों से बनी रंगोली बता रहे हैं जिसे बनाना बहुत आसान है।
Rangoli Design: रंगों से बनी रंगोली में आप किसी खास पैटर्न में डिजाइन बनाते हैं जैसे ये गोलाकार या अर्धचंद्राकार होगा। फिर इसे बड़ी सफाई से रंगों से भरते हैं।
Rangoli Design: रंगोली के इतिहास की बात करें तो माना जाता है कि इसकी शुरुआत वैदिक काल में हुई थी। इसे भारत में लगभग 5000 साल पुरानी कला माना जाता है, और इसकी परंपरा अब भी जीवित है।
Rangoli Design: रंगोली वैसे तो देश भर के लगभग सभी हिस्सों में बनाई जाती है लेकिन इसका नाम हर जगह अलग है। महाराष्ट्र में 'रंगोली', तमिलनाडु में 'कोलम', आंध्र प्रदेश में 'मुग्गु', राजस्थान में 'मांडना', और पश्चिम बंगाल में इसे 'अल्पना' कहा जाता है
Rangoli Design: दिवाली में रंगोली लगभग सभी लोग बनाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि रंगोली शुभता, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि घर के दरवाजे पर इसे बनाने से घर में शांति और सौभाग्य आता है
Rangoli Design: देश के ज्यादातर हिस्सों में रंगोली दिवाली के समय बनाई जाती है लेकिन दिवाली के अलावा होली, ओणम, पोंगल और संक्रांति जैसे त्योहारों पर भी रंगोली बनाई जाती है।
Rangoli Design: रंगोली बनाने के लिए आज भले ही रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन पारंपरिक तौर पर रंगोली बनाने के लिए फूलों की पंखुड़ियां, हल्दी, चावल का आटा, सिंदूर, और चारकोल का इस्तेमाल रंग के लिए होता था।
Rangoli Design: रंगोली बनाने को लेकर एक मान्यता ये भी है कि यह बुरी शक्तियों को रोकती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है। इसीलिए दरवाजे पर रंगोली बनाई जाती है।
Rangoli Design: देशभर में दरवाजे पर रंगोली बनाई जाती है लेकिन दक्षिण भारत में महिलाएं हर दिन सुबह-सुबह घर के आंगन या मेन गेट पर छोटी रंगोली बनाती हैं क्योंकि इसे शुभ माना जाता है।
Story continues below Advertisement
Rangoli Design: दिलचस्प है कि रंगोली सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर में लोग इसे अपनाने लगे हैं। अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनियों में इसे भारतीय संस्कृति की प्रतीक के रूप में दिखाया जाता है।