Ram Mandir inside picture: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने 22 जनवरी 2024 को श्री राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भारत में पर्याप्त आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है। CAIT की मानें तो राम मंदिर के उद्घाटन के बाद जनवरी में 50 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान है। CAIT ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 22 जनवरी को "राम राज्य दिवस" घोषित करने का आग्रह किया है।
Ram Mandir inside picture: तस्वीरों में राम मंदिर की भव्यता और दिव्यता नजर आ रही है। मंदिर की दीवारों पर की गई उकेरी गई प्रतिमाएं कमाल की लग रही हैं। इन कलाकृतियों में भगवान राम के अलावा अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी नजर आ रही हैं।
Ram Mandir inside picture: पीएम मोदी उद्घाटन समारोह से पहले 30 दिसंबर को अयोध्या में रोड शो करने के साथ ही एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस दौरान वह अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह रोड शो करते हुए सड़क मार्ग से अयोध्या रेलवे स्टेशन जाएंगे, जहां वह वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।
Ram Mandir inside picture: राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या की एक प्रमुख सड़क को सूरज की थीम वाले 'सूर्य स्तंभों' से सजाया जा रहा है। 30 फुट ऊंचे प्रत्येक स्तंभ में एक सजावटी गोला है, जो रात में लाइट जलने पर सूर्य जैसा दिखता है।
Ram Mandir inside picture: राम मंदिर परिसर का अधिकांश हिस्सा सैकड़ों पेड़ों के साथ हरा-भरा क्षेत्र होगा। वह खुद के सीवेज तथा वाटर प्यूरिफिकेशन प्लांट, एक दमकल चौकी एवं विशिष्ट बिजली लाइन जैसी सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भर होगा।
Ram Mandir inside picture: राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 70 एकड़ परिसर का लगभग 70 फीसदी हिस्सा ग्रीन एरिया होगा। उन्होंने कहा, "हरित क्षेत्र में ऐसे हिस्से शामिल हैं, जो बहुत घने हैं और इसके कुछ हिस्सों में सूरज की रोशनी भी मुश्किल से ही नीचे पहुंच पाती है।"
Ram Mandir inside picture: मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए पर्यटक पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़ेंगे। पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर परिसर 380 फुट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा होगा। मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची होगी और इसमें कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे।
Ram Mandir inside picture: भव्य मंदिर में एक आयताकार परिधि परकोटा होगा। परकोटा 14 फुट चौड़ा होगा और इसकी परिधि परिधि 732 मीटर तक फैली होगी। इसके चारों कोने सूर्य देव, मां भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव को समर्पित होंगे। इस तरह की संरचना आम तौर पर दक्षिण भारत के मंदिरों में पाई जाती है।