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Iran Attacks Israel: ईरान-इजराइल के बीच तनाव के क्या हैं मायने और भारत के लिए इसकी क्या है अहमियत

क्या दुनिया उस वक्त बदल गई, जब हम सो रहे थे? दरअसल, एक अशांत क्षेत्र में बड़े युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। ईरान ने 13 अप्रैल की रात को इजराइल पर हमला किया। इससे दो हफ्ते पहले इजराइल सुरक्षा बलों ने दमिश्क में मौजूद ईरानी दूतावास पर हमला कर 7 सुरक्षा गार्ड्स को मार दिया था। इनमें दो कमांडर मोहम्मद रेजा जहेदी और ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद हादी हज राहिमी भी शामिल थे

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 15, 2024 पर 10:05 PM
Iran Attacks Israel: ईरान-इजराइल के बीच तनाव के क्या हैं मायने और भारत के लिए इसकी क्या है अहमियत
ईरान का हमला एक तरह से अपेक्षाकृत कम आक्रामक अंदाज के जरिये जवाबी कार्रवाई की कोशिश थी।

क्या दुनिया उस वक्त बदल गई, जब हम सो रहे थे? दरअसल, एक अशांत क्षेत्र में बड़े युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। ईरान ने 13 अप्रैल की रात को इजराइल पर हमला किया। इससे दो हफ्ते पहले इजराइल सुरक्षा बलों ने दमिश्क में मौजूद ईरानी दूतावास पर हमला कर 7 सुरक्षा गार्ड्स को मार दिया था। इनमें दो कमांडर मोहम्मद रेजा जहेदी और ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद हादी हज राहिमी भी शामिल थे। इजराइली ने इस हमले में अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया था। इसके बाद ईरान ने इसका बदला लेने का ऐलान किया था।

हमले के बाद ईरानी सेना प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी का कहना था, ' हमारे हिसाब से ऑपरेशन खत्म हो गया है, लेकिन जरूरी पड़ने पर सैन्य बल इसका जवाब देने के लिए तैयार हैं।' उम्मीद जताई जा रही है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और जी-7 ईरान और इजराइल पर कूटनीतिक दबाव बनाकर दोनों को आक्रामक रुख अपनाने करने से रोकेंगे। भारत ने भी दोनों देशों से शांति की अपील की है। हालांकि, इसका कितना असर होगा, यह किसी को पता नहीं है।

क्या था ईरान का इरादा?

ईरान का हमला एक तरह से अपेक्षाकृत कम आक्रामक अंदाज के जरिये जवाबी कार्रवाई की कोशिश थी, मसलन दो हफ्ते का नोटिस, स्लो ड्रोन और तुरंत ऑपरेशन खत्म करने का ऐलान। हालांकि, इस बात में कोई शक नहीं है कि ईरानी की कार्रवाई ने तनाव बढ़ा दिया है। ईरान के समर्थक संगठनों ने भी अपनी तरफ से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। उदाहरण के लिए हिज्बुल्ला ने गोलाना की पहाड़ियों में रॉकेटों से हमला किया और बदर संगठन ने इस हमले का जश्न मनाया। इस बारे में और जानकारी बाद में सामने आएगी, लेकिन फिलहाल ऐसा लग रहा है कि ईरान को समर्थन करने वाली ताकतें इस युद्ध में सक्रिय होकर हिस्सा ले रही हैं।

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