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Nepal Politics: सत्ता से जाने से पहले भारत की टेंशन बढ़ा गए पुष्प कमल दाहाल प्रचंड! एक दिन पहले चीन के साथ समझौते को दी मंजूरी

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' शुक्रवार को संसद में विश्वासमत हासिल नहीं कर पाए। पिछले हफ्ते उनकी सरकार से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (CPN-UML) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था। इस घटनाक्रम के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के नेतृत्व में नई सरकार बनने का रास्ता खुल गया

Shubham Sharmaअपडेटेड Jul 12, 2024 पर 10:10 PM
Nepal Politics: सत्ता से जाने से पहले भारत की टेंशन बढ़ा गए पुष्प कमल दाहाल प्रचंड! एक दिन पहले चीन के साथ समझौते को दी मंजूरी
Nepal Politics: सत्ता से जाने से पहले भारत की टेंशन बढ़ा गए पुष्प कमल दाहाल प्रचंड

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' ने संसद में विश्वास मत पेश किया, लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाई। हालांकि, जाने से एक दिन पहले वो ऐसा कर गए, जो रणनीतिक तौर पर भारत की टेंशन बढ़ा सकता है। प्रचंड ने बीजिंग की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव’ के तहत हिमालयी राष्ट्र को चीन के साथ रेल रूट से जोड़ने के लिए एक समझौते को मंजूरी दी। सरकारी सूत्रों के हवाले से ‘मायरिपब्लिका’ न्यूज पोर्टल ने कहा कि इस निर्णय का राजनीतिक महत्व से ज्यादा ऑपरेसनल महत्व है और ये चीन की अरबों डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में नेपाल की भागीदारी के अनुरूप है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, खबर में संचार मंत्री और सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा के हवाले से कहा गया है, "बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट बैठक में नेपाल और चीन के बीच 'ट्रांस-हिमालय मल्टीडाइमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क’ के निर्माण में विकास सहयोग को मजबूत करने के समझौते को मंजूरी देने का फैसला किया गया।"

BRI के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी

हालांकि, एक मंत्री ने इसके तत्काल प्रभाव को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा, "यह एक शुरुआती निर्णय है। प्रोजेक्ट को लागू करने और BRI के तौर-तरीकों के विवरण को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।"

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